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क्या आपके बच्चे चॉकलेट, केक, कैंडी या आइसक्रीम खाते हैं? हो सकता है कि इनमें ‘लाल जहर’ हो! हाल ही में अमेरिका ने खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में इस्तेमाल होने वाले एक सिंथेटिक रंग ‘रेड डाई 3’ पर बैन लगा दिया है। इस सिंथेटिक रंग को ‘रेड नंबर 3’ भी कहा जाता है। यह कई मीठे पदार्थों को चमकदार लाल रंग देने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

कैंसर का खतरा

रेड डाई 3 के खिलाफ यह कदम तब उठाया गया जब शोध में पाया गया कि इसका प्रयोग कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। प्रयोगशाला में किए गए अध्ययन में देखा गया कि चूहों में यह सिंथेटिक रंग कैंसर का कारण बन सकता है। हालांकि, मनुष्यों पर इसका असर कम बताया गया है, लेकिन अमेरिकी कानून के तहत किसी भी पदार्थ के कैंसर से जुड़े होने पर उसे बैन करना अनिवार्य है।

बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरा

यह सिंथेटिक रंग मुख्य रूप से कैंडी, केक, बिस्किट, फ्रॉस्टिंग, और कुछ दवाओं में उपयोग किया जाता था। सेंटर्स फॉर साइंस इन द पब्लिक इंटरेस्ट जैसे संगठनों ने लंबे समय से इस सिंथेटिक रंग के खिलाफ आवाज उठाई थी। उनका कहना था कि बच्चों के स्वास्थ्य को बचाने के लिए इस सिंथेटिक रंग को तुरंत बैन किया जाना चाहिए।

क्यों लिया गया यह फैसला?

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, एफडीए के प्रेसिडेंट डॉ. पीटर लूरी ने कहा कि लिपस्टिक में ‘रेड 3’ का उपयोग पहले ही गैरकानूनी था, लेकिन यह बच्चों के खाद्य पदार्थों में वैध था। अब इस विषमता को खत्म कर दिया गया है।

अन्य देशों में भी बैन

रेड डाई 3 को अमेरिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूरोपियन यूनियन के कई देशों में पहले ही बैन किया जा चुका है। कड़े कदम उठाते हुए एफडीए ने यह भी कहा है कि अमेरिका में आने वाले आयातित खाद्य पदार्थों में भी इस सिंथेटिक रंग का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।

कब तक होगा यह बैन लागू?

खाद्य उत्पादकों को नए विकल्प खोजने के लिए 2027 तक का समय दिया गया है, जबकि दवा निर्माताओं को 2028 तक इसे बंद करने का समय मिलेगा।

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