Source :- NEWSTRACK LIVE
कोच्ची: केरल के एक प्रमुख इस्लामी विद्वान एपी अबूबकर मुसलियार ने सार्वजनिक स्थानों पर पुरुषों और महिलाओं के एक साथ व्यायाम करने पर आपत्ति जताई है। केरल जमीयत-उल-उलेगमा ऑफ एपी सुन्नी के महासचिव अबूबकर मुसलियार ने इसे इस्लामी मूल्यों और सामाजिक शील के खिलाफ बताया। उन्होंने राज्य के उत्तरी इलाकों में लोकप्रिय व्यायाम कार्यक्रम *मल्टी-एक्सरसाइज कॉम्बिनेशन 7* (मेक-7) को निशाने पर लेते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियां इस्लामी शिक्षाओं को कमजोर कर रही हैं।
अबूबकर ने मेक-7 की आलोचना करते हुए कहा कि व्यायाम की आड़ में महिलाएं पुरुषों के सामने अपना शरीर प्रदर्शित करती हैं, जिससे इस्लामी संस्कृति और परंपराओं का हनन हो रहा है। उनका मानना है कि इस तरह की गतिविधियों से युवाओं को गलत दिशा में ले जाया जा रहा है और समाज की बुनियादी नैतिकता पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस्लाम में पुरुषों और महिलाओं के मिलने और एक-दूसरे को देखने पर पाबंदियां लगाई गई हैं, ताकि सामाजिक और धार्मिक मूल्यों की रक्षा की जा सके। अबूबकर ने यह तर्क दिया कि अतीत में महिलाएं इन नियमों का सख्ती से पालन करती थीं, लेकिन अब इन प्रथाओं में ढील दी जा रही है, जो इस्लामिक निर्देशों के विरुद्ध है।
एपी सुन्नी के महासचिव ने युवाओं को चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम उन्हें धर्म से दूर ले जा रहे हैं। उनका आरोप है कि व्यायाम सत्रों के नाम पर गांवों और कस्बों में अस्वीकार्य गतिविधियां हो रही हैं। उन्होंने इसे “हराम” बताते हुए इसे रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया। मुसलियार के विचारों को समर्थन देते हुए समस्त मुशावर के कांतपुरम गुट ने भी पुरुषों और महिलाओं के एक साथ व्यायाम करने या किसी भी ऐसी गतिविधि में भाग लेने को इस्लामी मूल्यों के खिलाफ बताया। इस गुट ने महिलाओं के लिए ऐसी गतिविधियों को पूरी तरह से अस्वीकार्य घोषित किया और कहा कि यह इस्लामिक शिक्षाओं का उल्लंघन है।
मौलाना अबूबकर ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि जब तक इस तरह की प्रथाओं पर नियंत्रण नहीं लगाया जाएगा, तब तक सामाजिक मूल्यों और धार्मिक परंपराओं को नुकसान होता रहेगा। उनका यह बयान राज्य में इस्लामिक शिक्षाओं और आधुनिक जीवनशैली के बीच जारी बहस को फिर से चर्चा के केंद्र में ले आया है।
SOURCE : NEWSTRACK