Source :- LIVE HINDUSTAN

इजरायल और हमास के बीच पिछले 15 दिनों से जारी युद्ध में रविवार को सीजफायर लागू हो गया। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं, जो इस सीजफायर को सही नहीं मानते। इजरायल की नेतन्याहू सरकार में शामिल दक्षिणपंथी नेशनल डिफेंस मिनिस्टर बेन ग्विर ने हमास के साथ युद्धविराम समझौते का विरोध किया है। अपने विरोध को दर्शाते हुए ग्विर ने अल्पमत वाली नेतन्याहू सरकार से अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर डाले एक बयान में ग्विर की पार्टी यहूदी पावर ने इस युद्धविराम की निंदा करते हुए इसे समझौते की शक्ल में आत्मसमर्पण बताया। बयान में कहा गया कि इस युद्ध की वजह से हमारे कई सैनिक मारे गए। लेकिन इसके बाद भी हम उनकी (हमास) शर्तों पर समझौता कर रहे हैं। हजारों ऐसे आतंकवादियों को छोड़ा जा रहा है, जिन्होंने कई इजरायलियों को मारा है। इन आतंकियों को हमारी सेना ने अपनी जान जोखिम में डालकर पकड़ा था। उन्हें छोड़कर हम बहुत गलत कर रहे हैं। इन्हें छोड़कर हम भविष्य के लिए इजरायलियों को संकट में डाल रहे हैं।

नेतन्याहू सरकार पर संकट?

हालांकि ग्विर नेतन्याहू सरकार के प्रमुख धड़ों में से एक थे। लेकिन उनके जाने से सत्ता पर फर्क नहीं पड़ेगा। इजरायली संसद में नेतन्याहू के पास अभी भी मामूली बहुमत बरकरार है। नेतन्याहू सरकार को समझौते से रोकने के लिए ग्विर ने पहले भी धमकी दी थी कि अगर सरकार इस समझौते को मंजूरी देती है तो वह गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेंगे।

इससे पहले हमास ने रविवार को युद्धविराम समझौते के नियत समय से दो घंटे बाद तीन बंधकों के नाम जारी कर दिए। जिसके एक घंटे बाद इजरायली सेना ने भी हमलों को रोक दिया। इजरायली सेना की तरफ से कहा गया था कि प्रधानमंत्री के आदेश पर वह गाजा में लड़ाई जारी रखे हुए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, जब तक बंधकों के नाम नहीं मिल जाते तब तक गाजा में हमले जारी रहेंगे। दो घंटे बाद हमास की तरफ से तीन बंधकों के नाम जारी कर दिए गए।

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