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आयुर्वेद में हर समस्या से निपटने का इलाज है, अच्छी बात यह है कि ये इलाज नैचुरल है। जिसे हर कोई फॉलो कर सकता है। बात स्किन केयर की करें तो आयुर्वेद में त्वचा देखरेख का मतलब स्किन डिटॉक्स करने और ब्लड सर्कुलेशन सही रखने से है। सर्दियों में स्किन की सबसे कॉमन प्रॉब्लम है ड्राईनेस, इससे निपटने के लिए आप कुछ आयुर्वेदिक तरीकों को अपना सकते हैं। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के जरिए इन तरीकों के बारे में बताया है, जानिए।
1) अभ्यंग
आयुर्वेद सर्दियों के दौरान नियमित अभ्यंग यानी तेल मालिश का सुझाव देता है। इससे करवाने पर कई फायदे मिलते हैं, जिनमें उम्र बढ़ने में देरी, थकान से राहत और वात दोष यानी दर्द को शांत करता है। ये सर्दियों में काफी असरदार होता है और स्किन की ड्राईनेस को खत्म कर सकता है।
2) अटापा-सेवाना
सर्दियों के दौरान सुबह की सूरज की किरणों के संपर्क में आना आरामदायक होता है। ऐसे में आयुर्वेद सुझाव देता है अटापा-सेवन यानी अभ्यंग के बाद जो आपकी स्किन में तेल के उचित अवशोषण में मदद करता है। इसी के साथ विटामिन डी पाने में मदद करता है।
3) व्यायाम
व्यायाम करने के लिए सर्दी सबसे अच्छा मौसम है। क्योंकि इस समय सभी के शरीर में ज्यादा ताकत होती है। सर्दियों के दौरान सूरज की रोशनी में शरीर की क्षमता के अनुसार व्यायाम करने से आपको पूरे दिन गर्म और एनर्जेटिक रहने में मदद मिलती है। ऐसा इसलिए क्योंकि व्यायाम आपके शरीर की अग्नि को उत्तेजित करता है जो आपकी स्किन को गर्म रखता है और पाचन क्षमता को बढ़ाता है।
4) स्नान
आयुर्वेद सर्दियों के दौरान गुनगुने पानी से स्नान करने का सुझाव देता है। हालांकि, गर्म पानी से नहाने से क्योंकि ये आपकी स्किन डिहाईड्रेट करता है और आपकी स्किन ज्यादा ड्राई हो जाती है और फटने का खतरा होता है, इसलिए सर्दियों में गर्म पानी के बजाय गुनगुने पानी से नहाने को चुनना सबसे अच्छा है।
5) नस्य
नस्य मतलब नाक में औषधीय तेल डालना। यह सिरदर्द, माइग्रेन, साइनस कंजेशन, एलर्जी, नाक से खून आना, सफेद बाल, बालों का झड़ना, अनिद्रा आदि में मदद करता है। सोते समय दोनों नाक में A2 गाय का घी या तिल का तेल की 2 बूंदें डालने से सर्दियों में अच्छी नींद आती है।
6) पाद-अभ्यंग
घी, तिल या सरसों के तेल से पैरों की मालिश करें। ऐसा करके आपके तलवों को फटने से बचाया जा सकता है। इसके अलावा आपके दिमाग और शरीर को आराम मिलता है और ब्लड फ्लो में सुधार होता है।
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