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अगर आप शेयर बाजार के डेरिवेटिव सेग्मेंट की ट्रेडिंग में सक्रिय हैं तो ये खबर आपके काम की हो सकती है। दरअसल, पूंजी बाजार नियामक सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण ने शनिवार को कहा कि नियामक डेरिवेटिव सेग्मेंट में गतिविधि को रोकने या प्रतिबंधित करने के लिए कोई और कदम उठाने की योजना नहीं बना रहा है। अनंत नारायण ने कहा कि रिजर्व बैंक के पूर्व कार्यकारी निदेशक जी पद्मनाभन के नेतृत्व में एक विशेषज्ञ समूह प्रणाली को बेहतर बनाने पर काम कर रहा है। इसके साथ ही कारोबारी सुगमता और बेहतर रिस्क मैनेजमेंट के लिए कुछ कदमों पर विचार किया जा रहा है।

अनंत नारायण ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के एक कार्यक्रम में स्पष्ट किया कि सेबी उपयुक्तता और अनुकूलता को लेकर ऐसा कोई कदम उठाने पर विचार नहीं कर रहा है जो यह निर्धारित करे कि डेरिवेटिव बाजार में कौन कारोबार कर सकता है।

डेरिवेटिव के खिलाफ नहीं है सेबी

सेबी के पू्र्णकालिक सदस्य ने कहा कि सेबी डेरिवेटिव के खिलाफ नहीं है और मूल्य निर्धारण और बाजार को गहरा बनाने में मददगार डेरिवेटिव को लेकर बदलाव केवल परामर्श के बाद ही पेश किए जाएंगे। बाजार नियामक के भीतर चर्चा किए जा रहे कुछ उपायों में डेरिवेटिव बाजार में जोखिम को बेहतर ढंग से मापने के लिए कदम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आपको आदर्श रूप से चाहिए कि नकद बाजार में मात्रा और गहराई अच्छी हो। इसी तरह डेरिवेटिव बाजार में भी मात्रा व्यापक होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि दोनों बाजारों की तरलता में किसी प्रकार का अंतर्सम्बंध हो।

बता दें कि सेबी ने पिछले साल नवंबर में फ्यूचर एंड ऑक्शन मार्केट में अत्यधिक उतार-चढ़ाव भरे कारोबार पर लगाम के लिए प्रतिबंधों का एक सेट लागू किया था। सेबी ने यह कदम पिछले तीन वर्षों में 93 प्रतिशत सौदों में पैसा गंवाने वाले निवेशकों के आंकड़े सामने आने के बाद उठाया था।

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