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मुंबई: महाराष्ट्र के परभणी शहर में इस महीने की शुरुआत में हुई हिंसा के बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सोमवार को वहां दौरा करने वाले हैं। वे हिंसा में मारे गए दो लोगों के परिवारों से मुलाकात करेंगे। हालांकि, उनके इस दौरे को लेकर प्रदेश बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे ‘नाटक’ करार दिया है।

10 दिसंबर की शाम को मराठवाड़ा क्षेत्र में स्थित परभणी के रेलवे स्टेशन के बाहर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के पास संविधान की कांच से बनी प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इस घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया और हिंसा भड़क उठी। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने जानकारी दी कि राहुल गांधी इस दौरे के दौरान अंबेडकरवादी सोमनाथ सूर्यवंशी के परिवार से मिलेंगे, जिनकी मौत पुलिस हिरासत में हुई थी। इसके अलावा वे विजय वाकोडे के परिवार से भी मुलाकात करेंगे, जिनकी जान विरोध प्रदर्शन के दौरान चली गई थी।

हालांकि, पुलिस हिरासत में हुई सूर्यवंशी की मौत को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। आरोप लगाए जा रहे हैं कि उनकी हत्या पुलिस की प्रताड़ना के कारण हुई। लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में राज्य विधानसभा में इन आरोपों को खारिज किया। फडणवीस ने कहा कि सूर्यवंशी ने मजिस्ट्रेट के सामने स्पष्ट किया था कि उनके साथ किसी भी तरह की प्रताड़ना नहीं की गई थी। इसके अलावा, सीसीटीवी फुटेज में भी किसी तरह की हिंसा या क्रूरता के सबूत नहीं मिले। मुख्यमंत्री पहले ही इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे चुके हैं।

इस बीच, राज्य भाजपा प्रमुख और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने राहुल गांधी के दौरे पर सवाल उठाते हुए इसे ‘नाटक’ करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे नाटक करने के बजाय समाज को रचनात्मक तरीकों से लाभ पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा और राज्य सरकार सभी समुदायों को एकजुट रखने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में लगातार काम कर रही है।

राहुल गांधी का यह दौरा राजनीतिक गर्मी बढ़ा सकता है, लेकिन हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से उनकी मुलाकात को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी के इस कदम का समाज और राजनीति पर क्या असर पड़ता है।

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