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बांग्लादेश की हाईकोर्ट ने फरवरी में यूनुस सरकार को दो सप्ताह का समय देकर यह बताने को कहा था कि चिन्मय कृष्ण दास को बेल क्यों ना दिया जाए। चिन्मय दास पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया था

Jagriti Kumari एएनआई, ढाकाWed, 30 April 2025 04:24 PM
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बांग्लादेशी जेल में बंद ISKCON के संत को मिली जमानत, देशद्रोह के आरोप में 5 महीने से थे कैद

बांग्लादेश में ISKCON के हिन्दू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को 5 महीने बाद जमानत मिल गई है। बांग्लादेश की द डेली स्टार की एक रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने बुधवार को चिन्मय कृष्ण दास को राजद्रोह मामले में जमानत दे दी है। उन्हें बीते साल 25 नवंबर को गिरफ्तार किया था। बता दें कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताते हुए यूनुस सरकार से बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की थी।

बांग्लादेश की एक हिंदू संगठन के प्रवक्ता और इस्कॉन के पूर्व नेता चिन्मय कृष्ण दास को पिछले साल नवंबर में ढाका हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। उन पर बांग्लादेश के झंडे का अपमान करने का आरोप लगाकर और देशद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। बांग्लादेश की कोर्ट ने उन्हें तत्काल रूप से जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद ढाका सहित पूरे बांग्लादेश में हिंदुओं ने सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन किया था।

कोर्ट ने यूनुस सरकार से मांगा था जवाब

गौरतलब है कि चिन्मय कृष्ण दास बीते 5 महीने से जेल में बंद थे। 2 जनवरी को चटगांव की निचली अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने फरवरी में बांग्लादेश सरकार से यह बताने के लिए कहा था कि दास को जमानत क्यों नहीं दी जानी चाहिए। चटगांव में 2 जनवरी की सुनवाई के दौरान दास के वकीलों ने तर्क दिया था कि कृष्ण दास अपनी मातृभूमि बांग्लादेश के प्रति सम्मान रखते हैं और उन पर देशद्रोह का आरोप लगाना गलत है।

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भारत ने जताई थी चिंता

इससे पहले बांग्लादेश में इस्कॉन के पूर्व नेता को देशद्रोह के आरोप में हिरासत में लिए जाने का भारत ने कड़ा विरोध किया था। भारत ने एक बयान में कहा था कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और उन्हें जमानत न मिलने पर भारत ने संज्ञान लिया है। विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, “यह घटना बांग्लादेश के चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हुए हमले के बाद हुई है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन घटनाओं के अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं लेकिन शांतिपूर्ण सभाओं के माध्यम से जायज मांगे उठाने वाले एक धार्मिक नेता के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं।” भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की थी।

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