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भारत-पाकिस्तान तनाव

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 लोगों की हत्या के जवाब में भारत ने छह और सात मई की दरमियानी रात पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में कई स्थानों पर हवाई हमले किए.

पाकिस्तान ने भी जवाबी हमले शुरू कर दिए और लगा कि स्थिति और बिगड़ सकती है. इस दौरान कई लोग गोलाबारी में फंस गए, कई लोगों की मौत हुई और इस वजह से काफी तबाही भी हुई.

हालांकि चार दिन के संघर्ष के बाद अचानक हुए संघर्ष विराम ने सब कुछ रोक दिया.

संघर्ष के दौरान बीबीसी के रिपोर्टर दोनों देशों के सीमावर्ती इलाक़ों में पहुंचे और उन्होंने चार दिन के दौरान ज़मीन पर जो कुछ देखा उसे बयां किया.

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भारत-पाकिस्तान तनाव

पहला दिन: 7 मई, बुधवार

भारत

गोलाबारी के बाद मिले तोप के गोले का एक टुकड़ा

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आधी रात बीतने के कुछ देर बाद हमारे फ़ोन की घंटी बजने लगी. सोशल मीडिया पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में चर्चा होने लगी थी.

रात क़रीब 2 बजे भारत सरकार ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में ‘आतंकवादियों’ के बुनियादी ढांचों को निशाना बनाते हुए नौ स्थलों पर हमला किया है. ये वो जगहें थीं जहां से भारत के ख़िलाफ़ ‘आतंकवादी’ हमलों की योजना बनाई गई और डायरेक्शन दिया गया.

ये कहा गया कि अप्रैल में पहलगाम में हुए चरमपंथी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया गया है.

कुछ घंटों के बाद एक प्रेस वार्ता में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत के पास ‘पाकिस्तान स्थित आतंकवादी मॉड्यूल’ के और भी हमलों को अंजाम देने की योजना की ख़ुफ़िया जानकारी है.

चूंकि उस वक्त कई शहरों में लोगों की सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा इसलिए हमने जल्द से जल्द श्रीनगर पहुंचने का फै़सला किया.

लेकिन कई भारतीय एयरलाइन्स ने श्रीनगर के लिए अपनी फ्लाइट्स को कैंसिल कर दिया था. कुछ देर बाद जम्मू और श्रीनगर एयरपोर्ट भी बंद कर दिए गए.

बीबीसी की एक टीम रेलवे स्टेशन पर पहुंची, जबकि बाकियों ने दिल्ली से जम्मू की 12 घंटे की यात्रा के लिए टैक्सी का इंतज़ाम किया.

दोनों देशों को विभाजित करने वाली लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर भारी गोलाबारी की खबरें पहले से ही आ रही थीं.

बीबीसी की एक टीम ने कुपवाड़ा से पहली रिपोर्ट की और उसमें घरों के साथ-साथ संपत्ति को हुए नुक़सान को दिखाया.

जैसे-जैसे दिन बीता भारतीय सेना से जुड़े सूत्रों ने बीबीसी को बताया कि भारत में कम से कम 15 लोगों की मौत हुई है.

दूसरी टीम ने श्रीनगर के नज़दीक बारामूला ज़िले के अस्पताल में कई घायलों को देखा. बीबीसी की टीम उरी ज़िले के उस गांव में भी पहुंची जहां कुछ घंटों पहले हमला हुआ था और घरों से अभी तक धुंआं निकल रहा था.

उस दिन के बारे में कुछ बातें बहुत दिन बाद स्पष्ट हुईं, जैसे कि चीफ़ ऑफ़ डिफे़स स्टाफ़ जनरल अनिल चौहान की प्रतिक्रिया जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराए जाने के बारे में बताया.

हाल ही में ब्लूमबर्ग टीवी को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने पुष्टि की कि “सात मई को नुक़सान हुआ था”, हालांकि उन्होंने कहा कि “नंबर्स महत्वपूर्ण नहीं हैं, महत्वपूर्ण यह है कि ये नुक़सान क्यों हुआ और हमने इसके बारे में क्या किया.”

भारत सरकार ने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत हमले किए जाने की बात कही थी

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पाकिस्तान

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान में भारत की तरफ से हमले की आशंका को लेकर डर था. हालांकि ऐसा माना जा रहा था कि भारत, पाकिस्तान के शहरों के इतना अंदर जाकर हमला नहीं करेगा. पाकिस्तान की सेना हाई अलर्ट पर थी.

भारत ने नौ स्थानों को निशाना बनाया था. उस रात मुज़फ़्फ़राबाद सिटी सेंटर, रावलकोट के आसपास के इलाके़ और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के कोटली पर हमला हुआ. इसके अलावा पाकिस्तान में बहावलपुर, मुरीदके और सियालकोट में भी हमला हुआ.

मिसाइल हमले के कुछ ही देर बाद बीबीसी की टीम इस्लामाबाद से मुज़फ़्फ़राबाद के लिए निकली और सुबह शहर के केंद्र में मौजूद मस्जिद के पास पहुंची. मिसाइल हमला कुछ घंटों पहले ही हुआ था.

पहला हमला उस मस्जिद पर हुआ जिसे सैयदना बिलाल कहा जाता है. जिस वक्त हमला हुआ उस वक्त लोग मस्जिद के आसपास अपने घरों में गहरी नींद में सो रहे थे.

एक के बाद एक हुए विस्फोटों की आवाज़ों से लोग सदमे, डर और गुस्से में आ गए.

सुबह के समय वहां अफ़रा-तफ़री का माहौल था. सेना के जवानों को तैनात किया गया था और बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद था. मस्जिद की ओर जाने वाली सड़क को बंद कर दिया गया था और मीडिया समेत किसी को भी अंदर जाने की इजाज़त नहीं थी.

हमले में मस्जिद बर्बाद हो गई थी और आसपास के घरों की दीवारों और खिड़कियों को भी नुक़सान पहुंचा था. स्थानीय लोगों ने बताया कि जैसे ही पहला धमाका हुआ, लोग नंगे पैर ही वहां से भाग खड़े हुए. हमने देखा कि लोग नुक़सान का आकलन करने और अपने घरों को बंद करने के लिए मस्जिद की ओर आ रहे थे.

शहर में डर का माहौल बन गया और स्कूलों-कॉलेजों को बंद कर दिया गया. लोगों ने कहा कि उन्होंने शहर के अंदर मिसाइल हमले की कल्पना नहीं की थी.

भारत के हमले के बाद की इस्लामाबाद की तस्वीर

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बीबीसी की दूसरी टीमों ने मुरीदके और बहावलपुर से रिपोर्ट की. पाकिस्तान के सबसे बड़े राज्य पंजाब में हुए मिसाइल हमलों में उन स्थानों को निशाना बनाया गया था, जिनके बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि वे कभी चरमपंथी समूहों के केंद्र थे, लेकिन अब वे सालों से निष्क्रिय हैं या आधिकारिक तौर पर बंद हो चुके हैं.

मुरीदके में एक इमारत पर हमला हुआ जिसे पहले आतंकवादी समूह जमात-उद-दावा के आइडियोलॉजिकल सेंटर के रूप में जाना जाता था. हालांकि पाकिस्तान के अधिकारियों ने दावा किया कि भारत ने उन इमारतों को निशाना बनाया जहां लोग रहते थे.

सेना के प्रवक्ता ने कहा कि पांच शहरों में 12 बच्चों और महिलाओं समेत कुल 31 लोगों की मौत हुई. उन्होंने कहा कि भारत का ये दावा कि उसने आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया ‘पूरी तरह से निराधार’ है.

दोपहर तक पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) ने पूर्वी और उत्तर-पश्चिमी हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया. विमानों के लिए चेतावनी वाले नोटिस भी जारी कर दिए गए. लाहौर, रावलपिंडी और कराची के ऊपर लड़ाकू विमान उड़ते देखे गए. सेना के वहानों की आवाजाही भी देखने को मिली.

प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई जिसमें सेना और सरकार के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों को “भारत के उकसावे के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई” करने के लिए हरी झंडी दे दी है.

शाम ढलते ही लाइन ऑफ़ कंट्रोल के पास सैन्य चौकियों और रिहायशी इलाक़ों में भारी गोलाबारी की ख़बरें आने लगीं.

दूसरा दिन: 8 मई गुरुवार

भारत

श्रीनगर में तैनात सुरक्षाकर्मियों की ये तस्वीर 22 मई को हुई तिरंगा रैली के दौरान की है

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सीमा पार से हुई गोलाबारी के कारण दहशत फैल गई थी. गुरुवार सुबह हमने जिन सीमावर्ती गांवों का दौरा किया वहां सब कुछ खाली दिख रहा था क्योंकि लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में निकल गए थे.

भारत ने एक बयान जारी कर कहा कि उसने बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात पाकिस्तान द्वारा उत्तर और पश्चिम भारत में कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के प्रयासों को विफ़ल कर दिया है.

बयान में आगे दावा किया, “विश्वसनीय रूप से पता चला है कि लाहौर में एक एयर डिफ़ेंस सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया गया है.”

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी समूह के एक मोर्चे, रेज़िस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ़) को ज़िम्मेदार मानता है, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है.

उन्होंने पुष्टि की कि भारत में सीमा पार से हुई गोलीबारी में 16 लोग मारे गए हैं. देर शाम तक हमारी एक टीम पुंछ ज़िले में पहुंच गई और वहां लोगों से मुलाक़ात की. जिन्होंने पाकिस्तानी गोलाबारी के बारे में बात की और बीती रात को ‘कयामत की रात’ कहा.

रात होते ही सीमा पार से सटे कई इलाक़ों में हवाई हमले के सायरन बजने लगे. कई इलाक़ों में ब्लैकआउट हो गया.

भारत सरकार ने पुष्टि की कि पाकिस्तान ने तीन सैन्य ठिकानों जम्मू, पठानकोट और उधमपुर पर हमला किया था और सभी हमलों को निष्प्रभावी कर दिया गया था.

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पाकिस्तान

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़

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सुबह क्षेत्र की पहली ड्रोन वॉर शुरू हुई. अलग-अलग शहरों ख़ासकर लाहौर के लोगों ने आसमान में ड्रोन को उड़ते हुए देखा.

डीजी आईएसपीआर ने दावा किया कि पाकिस्तान के एयर डिफ़ेंस सिस्टम ने भारत के दो दर्जन से ज़्यादा ड्रोन गिरा दिए हैं.

लाहौर, गुजरांवाला, चकवाल, रावलपिंडी और कराची जैसे शहरों में ड्रोन गिरते देखे गए. कुछ जगहों पर स्थानीय निवासियों ने सायरन बजते हुए सुने.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान ने पहलगाम हमले की अतंरराष्ट्रीय जांच की बात की.

रावलपिंडी में एक ड्रोन क्रिकेट स्टेडियम के पास गिरा और इस वजह से पाकिस्तान सुपर लीग का मैच रद्द कर दिया गया. क्रिकेट बोर्ड ने लीग के बाकी मैचों को यूएई में करवाने का फै़सला किया.

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने कहा कि यदि मौजूदा स्थिति को नहीं रोका गया तो परमाणु युद्ध का ख़तरा एक ‘वास्तविक और मौजूदा ख़तरा’ बन जाएगा.

मुज़फ़्फराबाद के पास के सेक्टरों में रातभर गोलाबारी जारी रही. गोलाबारी इतनी तेज़ थी कि हम जिस होटल में ठहरे थे वहां से भी इसे देख पा रहे थे. होटल में मीडिया की कुछ टीमों को छोड़कर कोई और नहीं था.

राघवेंद्र राव

तीसरा दिन: 9 मई, शुक्रवार

भारत

जुड़वां भाई-बहन ज़ैन अली और उर्वा फ़ातिमा

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पुंछ में सुबह तक भारी गोलाबारी चलती रही और हमारी टीम को बंकर में जाकर छिपना पड़ा. जब लोग बंकर से बाहर आए तो हर तरफ बर्बादी का मंज़र था.

एक लड़की के पिता विस्फोट में मारे गए थे. उस लड़की ने हमसे कहा, “यह ऑपरेशन पहलगाम के चरमपंथी हमले में मारे गए लोगों को न्याय दिलाने के लिए था. लेकिन अब मेरे पिता के लिए क्या किया जाएगा? मुझे कैसे न्याय मिलेगा?”

कई परिवारों ने समय पर अलर्ट नहीं मिलने की शिकायत की.

एक महिला, मारिया ख़ान के भतीजे और भतीजी जो जुड़वां थे, जिनकी उम्र 12 साल थी हमले में मारे गए. उन्होंने कहा, “अगर भारत सरकार के हमला शुरू करने से पहले हमें यहां से निकाला गया होता, तो शायद हमारे बच्चे जिंदा होते.”

जैसे-जैसे रात होती गई सीमा के आसपास इलाक़ों में ब्लैकआउट लागू कर दिया गया. ड्रोन दिखाई देने लगे और विस्फ़ोट की आवाज़ें फिर से आने लगीं.

भारत-पाकिस्तान तनाव

पाकिस्तान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री

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ड्रोन वॉर जारी रहने के बीच इस्लामाबाद में सैन्य सूत्रों ने पत्रकारों से कहा कि एयर डिफ़ेंस सिस्टम को तैयार कर लिया गया है और पारंपरिक सैन्य उपकरणों को भी एक्टिव कर दिया गया है.

डीजी आईएसपीआर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने सात मई की रात को हुए भारतीय हमले का ब्यौरा दिया और बताया कि कैसे पाकिस्तानी वायु सेना ने उस रात भारतीय विमान को मार गिराया.

बीबीसी को कई सूत्रों ने जानकारी दी कि क़तर और संयुक्त अरब अमीरात कूटनीतिक और इंटेलिजेंस सोर्स के माध्यम से दोनों देशों के संपर्क में हैं. अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने फिर से पाकिस्तान से फ़ोन पर बात की.

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चौथा दिन: 10 मई शनिवार

भारत

शनिवार का दिन सबसे नाटकीय रहा. पाकिस्तान के हमलों का असर जम्मू और राजौरी समेत उन इलाक़ों पर पड़ा जहां लोग रहते हैं.

जम्मू में रहने वाली एक लड़की ने हमें बताया, “हमारे बेडरुम में बहुत धुआं भर गया था. हम बड़ी मुश्किल से बाहर निकले और पाया कि हमारे घर की छत का एक हिस्सा टूट गया था.”

एक व्यक्ति जो अपने बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की कोशिश कर रहे थे उनके समेत दो लोग मारे गए. राजौरी में एक सरकारी अधिकारी की विस्फोट में मौत हो गई.

पंजाब के गुरदासपुर और पठानकोट में बीबीसी की टीमों ने सुबह-सुबह हुए हमलों के कारण खेतों में बड़े-बड़े गड्ढे देखे. भारत सरकार ने कहा कि अमृतसर शहर के ऊपर कई हथियारबंद ड्रोनों को निष्क्रिय कर दिया गया है.

हर कोई, एक और तनावपूर्ण रात की तैयारी कर रहा था, लेकिन शाम को अचानक संघर्ष विराम की घोषणा कर दी गई. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा की पुष्टि भारतीय विदेश सचिव ने एक विशेष ब्रीफिंग में की.

लेकिन जैसे ही अंधेरा हुआ हमने ड्रोन को ऊपर उड़ते देखा और फिर से विस्फ़ोटों की आवाज़ सुनी. जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह सहित कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इसी तरह की रिपोर्ट शेयर की.

भारतीय विदेश सचिव का 10 मई का बयान

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बाद में रात में पाकिस्तान द्वारा ‘अंडरस्टैंडिंग के उल्लंघन’ की पुष्टि की. अगली सुबह अस्थायी शांति में कई लोग लाइन ऑफ़ कंट्रोल के पास अपने गांव में लौट आए.

तंगधार में बीबीसी की एक टीम ने एक ऐसे परिवार से मुलाक़ात की जो वापस अपने घर लौटा था, लेकिन उन्होंने पाया कि हमलों ने उनके घर को मलबे में बदल दिया है और आगे का भविष्य अनिश्चित है.

पाकिस्तान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

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भारतीय अधिकारियों ने दावा किया कि पंजाब में कई एयरबेस पर ‘हाई-स्पीड मिसाइल अटैक’ देखे गए.

देर रात क़रीब 2.30 बजे भारत ने नूर ख़ान एयरबेस को निशाना बनाया, जो रावलपिंडी के पास चकलाला में बड़ी सैन्य छावनी का हिस्सा है. विस्फ़ोट इतने तेज़ थे कि पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के निवासी जाग गए.

नूर ख़ान एयरबेस पर हुआ हमला नौ और 10 मई की मध्य रात्रि को भारत की ओर से किए गए 11 हमलों में से एक था.

इन हमलों के बाद पाकिस्तान ने बड़ा सैन्य ऑपरेशन लॉन्च किया, जिसे ‘ऑपरेशन बुनयान अल मरसूस’ नाम दिया. इसके तहत भारत के जम्मू, उधमपुर, पठानकोट में सैन्य ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए गए.

पाकिस्तानी सैन्य सूत्रों ने दावा किया कि प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने नेशनल कमांड अथॉरिटी की बैठक बुलाई है, जो पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की निगरानी करती है.

हालांकि बाद में रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने ऐसी किसी बैठक से इनकार किया.

फिर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच कम्युनिकेशन भी बहाल हो गया.

हालांकि, संघर्ष विराम के तुरंत बाद उल्लंघन की खबरें भी आने लगीं.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

SOURCE : BBC NEWS