Source :- LIVE HINDUSTAN
भारत और पाकिस्तान की दुश्मनी अब चीन के लिए खुफिया जानकारी बटोरने का हथियार बन गई है। लड़ाई के नाम पर ड्रैगन भारत की खुफिया जानकारी पर नजर रख रहा है।

भारत और पाकिस्तान के बीच जारी संघर्ष का सबसे ज्यादा फायदा अगर किसी को हो रहा है, तो वो चीन है। पर्दे के पीछे बैठा ड्रैगन इस पूरे टकराव को दूरबीन से नहीं, बल्कि अपने सैटेलाइट्स, जहाजों और पाकिस्तान के जरीए बारीकी से देख रहा है। उसकी दिलचस्पी इस बात में नहीं है कि कौन जीतेगा, बल्कि इस बात में है कि भारत का कौन सा हथियार कितना ताकतवर है और किस हाल में इस्तेमाल हो रहा है।
भारत-पाक युद्ध से चीन को क्या फायदा?
इस पूरे घटनाक्रम में चीन को जो सबसे बड़ा फायदा मिल रहा है, वो असली युद्ध के हालात में उसके हथियारों की टेस्टिंग है। पाकिस्तान के जरिए चीन अपने बनाए हथियारों को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करवा रहा है और फिर उसकी क्षमता का पूरा डेटा खुद इकट्ठा कर रहा है। इससे चीनी सेना को भारत की ताकत, उसकी मिसाइल डिफेंस और जवाबी हमलों की रणनीति की गहराई से जानकारी मिल रही है।
सिर्फ जमीनी जंग ही नहीं, चीन समंदर और आसमान में भी सक्रिय है। हिंद महासागर में उसके दर्जनों मछली पकड़ने वाले जहाज भारतीय नौसैनिक अभ्यास के पास मंडरा रहे हैं, जिनमें से कई जहाज खुफिया जासूसी का काम करते हैं। ओपन-सोर्स रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1 मई को भारत की नेवी की ड्रिल के पास 224 चीनी जहाज एक साथ देखे गए, जो संयोग नहीं, सोची-समझी रणनीति का हिस्सा थे।
खुफिया चाल चल रहा ड्रैगन
चीन के पास इस वक्त 267 सैटेलाइट्स हैं, जिनमें से 115 खास तौर पर खुफिया और जासूसी के लिए हैं। ये आंकड़ा भारत समेत पूरे एशिया में किसी भी देश से कहीं अधिक है। जाहिर है, ड्रैगन सिर्फ जमीन पर नहीं, अंतरिक्ष से भी भारत की हर गतिविधि पर नजर रख रहा है। चीन की खामोश चालों के पीछे उसकी मंशा साफ है, भारत को भीतर तक पढ़ना और उसके जवाब देने के तरीके को समझना। और पाकिस्तान इसमें उसका प्यादा बनकर खुलकर मदद कर रहा है।
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