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कोई सार्वजनिक जगह हो या फिर आपका अपना घर, आज के वक्त में कहीं भी खुद को सुरक्षित रखना आसान नहीं। पर, नई तकनीक की मदद से आप इस मुश्किल काम को थोड़ा आसान जरूर बना सकती हैं, बता रही हैं अमृता सिंह

Aparajita हिन्दुस्तानSat, 24 May 2025 08:14 AM
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मुसीबत में फंस गई हैं तो बाहर निकलने के लिए अपनाएं ये हाईटेक तरीके

कल्पना कीजिए कि आप किसी अनजान जगह पर हैं, असहज और असुरक्षित महसूस कर रही हैं या फिर किसी आपात स्थिति में किसी तक संदेश पहुंचाना चाह रही हैं। ऐसे में आप क्या करेंगी? शोर-शराबा मचाना हर बार तो प्रभावी साबित नहीं होता। पर, अच्छी बात यह है कि अब ऐसे तकनीक उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से आप चुपचाप किसी से मदद मांग सकती हैं, किसी के खिलाफ सबूत इकट्ठा कर सकती हैं या फिर अपनी सुरक्षा को चाक-चौबंद कर सकती हैं। कौन-कौन से गैजेट और तकनीक की मदद से आप अपनी और अपनों की सुरक्षा को और ज्यादा दुरुस्त कर सकती हैं, आइए जानें:

झट से साझा कीजिए अपनी लोकेशन

आप अपने घर से चार किलोमीटर की दूर पर हों या फिर 4000 हजार किलामीटर, जीपीएस ट्रैकर की मदद से आप अपने घरवालों और दोस्तों के साथ अपना लोकेशन आसानी से साझा कर सकती हैं। कुछ जीपीएस ट्रैकर जहां बच्चों और गाड़ियों के लिए बने होते हैं, वहीं कुछ बेहद छोटे आकार के जीपीएस ट्रैकर भी उपलब्ध हैं, जिन्हें महिलाएं अपने हैंडबैग आदि में अपनी सुरक्षा के लिए छुपाकर रख सकती हैं। ये जीपीएस ट्रैकर रियल-टाइम ट्रैकिंग का उपलब्ध करवाते हैं यानी इनकी मदद से आपको इसे इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की मौजूदा स्थिति के बारे में पता चलता है। यह तकनीक बिना किसी देरी के नवीनतम डेटा उपलब्ध कराती है, जिससे उपयोगकर्ताओं को वास्तविक समय में सटीक जानकारी मिलती है। साथ ही इससे जियोफेंसिंग अलर्ट भी मिलता है, जो एक प्रकार का नोटिफिकेशन है, जो तब आता है, जब कोई डिवाइस जैसे कि स्मार्टफोन या जीपीएस ट्रैकर अपने निर्धारित भौगोलिक सीमा में प्रवेश करता है या उससे बाहर निकलता है। जीपीएस ट्रैकर के सभी फीचर्स हर दिन के सुरक्षित सफर के लिए भी इसे काफी प्रभावी बनाते हैं। स्मार्टफोन के कई मॉडल में भी जीपीएस ट्रैकर को कनेक्ट करने का विकल्प होता है।

मुसीबत में बजाएं यह अलार्म

मुसीबत के वक्त कई दफा यह समझ ही नहीं आता कि शोर मचाकर लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित भी किया जा सकता है। ऐसी स्थिति पर्सनल सेफ्टी अलार्म हमलावार को वहां से हटाने और लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में एक प्रभावी टूल साबित हो सकता है। ये छोटे आकार के होते हैं और इनसे बहुत तेज सायरन की आवाज आती है, जो तुरंत आसपास वालों का ध्यान खींचने में सक्षम है। कुछ अलार्म में एलईडी फ्लैश लाइट का भी विकल्प होता है। आप इन्हें आसानी से अपने हैंडबैग में लटका सकती हैं या फिर एक्सेसरीज के रूप में पहन सकती हैं और मुसीबत में इस्तेमाल कर सकती हैं।

छोटू कैमरे का साथ

अगर आपको लग रहा है कि कोई आपका लगातार पीछा कर रहा है या फिर आप अपने घर की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, तो छोटा-सा खुफिया कैमरा इस चिंता को कम करने या आपकी आशंका को सही साबित करने में उपयोगी हो सकता है। छोटे खुफिया कैमरे की मदद से आप सार्वजनिक जगहों से लेकर घर के भीतर तक लोगों पर नजर रख सकती हैं। आकार में छोटे होने के बावजूद ये कैमरे अच्छी क्वालिटी की वीडियो रिकॉर्ड करने में काफी ज्यादा प्रभावी साबित होते हैं। खुफिया कैमरों के कुछ मॉडल इतने छोटे होते हैं कि जरूरत पड़ने पर आप उन्हें अपने हैंडबैग या कपड़े में छुपाकर भी रिकॉर्डिंग कर सकती हैं।

घर भी रहेगा सुरक्षित

कामकाजी हैं और ऑफिस में या फिर शहर से बाहर जाने के बाद भी घर की सुरक्षा की चिंता सताती है, तो सामान्य ताले की जगह घर में स्मार्ट डोर लॉक्स लगवाएं। ये ताले चाबी की जगह फिंगर प्रिंट, पिन नंबर या फिर स्मार्टफोन की मदद से खुलते हैं। सुरक्षा के लिहाज से ये ताले न सिर्फ बेहतर होते हैं बल्कि इन्हें इस्तेमाल करने से चाबी खोने का कोई खतरा भी नहीं रहता। इस ताले की मदद से घर की सुरक्षा पर आपका बेहतर नियंत्रण रहेगा। स्मार्ट लॉक की तरह ही विंडो अलार्म भी आपकी सुरक्षा का दायरा मजबूत करने में मददगार साबित होंगे। बैटरी से चलने वाले ये अलार्म जबर्दस्ती खिड़की के खोलने पर बज उठते हैं। इन्हें लगाना आसान होता है और इसे आप खिड़की, दरवाजे से लेकर बालकनी तक में लगा सकती हैं। इनका संवेदनशील सेंसर चोरी आदि की स्थिति में आपको तुरंत सतर्क कर देगा।

SOURCE : LIVE HINDUSTAN