Source :- LIVE HINDUSTAN
अफ्रीका के कई देशों मे लोग मोटापे को रईसी की निशानी मानते हैं। ऐसे में वे जान बूझकर मौत के मुंह में जाने का इंतजाम खुद करते हैं। वहीं यूगांडा जैसे देश मे तो मोटे शख्स को लोन भी आसानी से मिल जाता है।

दुनियाभर में मोटापा एक बड़ी समस्या बन गई है। वहीं अफ्रीका के कुछ देशों में बड़ी तोंद और भारी-भरकम शरीर को रईसी की निशानी माना जाता है। ऐसे में लोग वजन बढ़ाने और तोंद निकालने में कसर नहीं छोड़ते और यही अब जानलेवा साबित हो रहा है। केन्या में मोटे राजनेताओं को अकसर बॉस या फिर मुकुबवा कहा जाता है। स्वाहिली भाषा में इसका मतलब बड़ा आदमी होता है।
अफ्रीका के कई देशों में अब मोटापे को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। युवा राजनेता अब मोटापे की समस्या उठाने लगे हैं। नैरोबी और मोंबासा के राज्यपालों ने भी मोटापे की समस्या को गंभीरता से जनता के बीच रखा है। केन्या का हाल यह है कि ज्यादातर लोग इसी वजह से बीमार होते हैं और मौत के शिकार हो जाते हैं। यहां के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि हर साल होने वाली मौतों में 39 फीसदी मोटापे की वजह से ही होती हैं।
वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस की मानें तो केन्या में एक तिहाई लोग अब भी रोज के खाने का इंतजाम करने में सक्षम नहीं हैं। वहीं 13 फीसदी आबादी मोटापे का शिकार है। ऐसे में समझा जा सकता है कि इस देश में कैसे असमानता तेजी से बढ़ रही है। एक तरफ लोग पेट भरने के लिए जद्दोजेहद कर रहे हैं तो दूसरी तरफ लोग रईसी दिखाने के लिए अपना वजन बढ़ा लेते हैं।
इस देश में मोटे लोगों को मिलता है आसानी से लोन
यूगांडा में यह हाल है कि जो ज्यादा मोटा होता है उसे उतनी ही आसनी से कर्जा मिल जाता है। लोन ऐप्लिकेशन में भी वजन लिखा जाता है। माना जाता है कि जो जितना ओवरवेट होगा वह उतना लोन चुकाने में सक्षम होगा। वहीं केन्या के लोगों का मानना है कि पैसा आते ही उनका वजन बढ़ना चाहिए। वरना लोगों को पता कैसे चलेगा कि वह शख्स रईस हो गया है। वे इस बात पर ध्यान ही नहीं देते कि वे बीमारियों को न्योता देने में लगे हैं जो कि उन्हें मौत के मुंह में धकेल सकती हैं।
केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने संसद में कहा कि अच्छा काम करने के लिए फिट रहना बहुत जरूरी है। उन्होंने खुद अपना वजन कम करना शुरू किया। उन्होंने कहा कि इतने वजन के साथ काम करना बेहद मुश्किल हो रहा है। इन देशों में लोगों के पास पैसा आते ही वे जंक फूड ज्यादा खाते हैं। इसके अलावा उनके पास फिजिकल एक्टिविटी के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर मौजूद नहीं है। यह मोटापे की वजह बन जाता है। केन्या में अब जिम, वेट लॉस वाली दवाइयों और सर्जरी का खूब प्रचार होने लगा है। आंकड़ों के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका में भी 32 फीसदी लोग मोटापे का शिकार हैं।
SOURCE : LIVE HINDUSTAN