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नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि के एक मामले में बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने झारखंड की निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है। यह मामला 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी द्वारा एक चुनावी रैली में अमित शाह पर की गई कथित टिप्पणी से जुड़ा है।
मामले की शुरुआत भाजपा कार्यकर्ता नवीन झा की शिकायत से हुई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने झारखंड के चाईबासा में एक भाषण के दौरान अमित शाह के लिए ‘हत्यारा’ शब्द का प्रयोग किया। इस शिकायत के आधार पर राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने राहुल गांधी की अपील पर सुनवाई करते हुए झारखंड सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया। पीठ ने आदेश दिया कि अगले आदेश तक इस मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक रहेगी।
राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी कि आपराधिक मानहानि के मामले में शिकायत केवल उस व्यक्ति द्वारा की जा सकती है, जिसे टिप्पणी से नुकसान पहुंचा हो। उनका तर्क था कि यह शिकायत किसी थर्ड पार्टी द्वारा दायर नहीं की जा सकती। इससे पहले राहुल गांधी ने झारखंड हाईकोर्ट में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट की ओर से जारी नोटिस पर रोक लगाते हुए राहुल के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का आदेश दिया था।
रांची की मजिस्ट्रेट अदालत ने शिकायतकर्ता और गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद राहुल गांधी के खिलाफ मामला बनता पाया था। अदालत ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था। इसके बाद राहुल गांधी ने हाईकोर्ट का रुख किया, जहां उनके खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी गई।
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय राहुल गांधी के लिए एक अहम राहत है। मामले की अगली सुनवाई तक निचली अदालत में कोई कार्यवाही नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से फिलहाल राहुल गांधी को राहत मिल गई है, लेकिन यह मामला अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। अगली सुनवाई में अदालत तय करेगी कि मामले में क्या कदम उठाए जाएं। इस बीच, कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का मामला बताते हुए भाजपा पर निशाना साधा है।
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