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Deshi Ghee Benefits: आयुर्वेद में भारतीय रसोई घर को औषधियों का खजाना माना जाता है. क्योंकि, यहां तमाम ऐसी चीजें होती हैं औषधि का काम करती हैं. देसी घी ऐसी ही चीजों में से एक है. जी हां, ‘देसी घी’, पाचन को बेहतर बनाने, इम्यूनिटी बढ़ाने और त्वचा व बालों को पोषण देने में मददगार है. इसीलिए आयुर्वेद में ‘देसी घी’ को औषधीय गुणों वाला माना जाता है. ‘देसी घी’ में मौजूद हेल्दी फैट्स और विटामिन्स इसे एक संतुलित आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाते हैं. आइए, जानते हैं इससे जुड़े फायदों के बारे में-
दिमाग को एक्टिव और तेज बनाए
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन ने भी घी को सेहत के लिए ‘लोहा’ समान बताया गया है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (जनवरी, 2024) में प्रकाशित रिपोर्ट ने आयुर्वेद के हवाले से कहा है कि देसी घी दिमागी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार याददाश्त, बुद्धि बढ़ाने के साथ ही मिर्गी और पागलपन जैसी मस्तिष्क से जुड़ी व्याधियों के इलाज में ये खासा उपयोगी होता है .
त्वचा-आंखों के लिए फायदेमंद
भारतीय घरों में सदियों से ‘देसी घी’ का इस्तेमाल होता आ रहा है. चरक संहिता में इसे रामबाण और अमृत समान भी बताया गया है. इसमें विटामिन ए, विटामिन डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व बहुत पाए जाते हैं, जो त्वचा, आंखों और इम्यून सिस्टम को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं.
पाचन तंत्र स्ट्रॉन्ग बनाए
पाचन के लिए ‘देसी घी’ बहुत फायदेमंद माना जाता है, पाचन तंत्र को मजबूत करने के साथ ही पेट की जलन को भी कम करने का काम करता है और भोजन को पचाने में भी काफी कारगर साबित होता है.
दाग-धब्बों से निजात दिलाए
‘घी’ में हेल्दी फैट पाया जाता है, जिसका सेवन शरीर के लिए फायदेमंद होता है. साथ ही ये दिल को भी बेहतर रखने का काम करता है. ‘घी’ का इस्तेमाल त्वचा के लिए भी रामबाण माना गया है. कहते हैं कि अगर त्वचा सूखी होती है तो, उसे दूर करने के लिए घी का इस्तेमाल काफी कारगर साबित होता है. इसके साथ ही, त्वचा पर होने वाले दाग-धब्बों के लिए भी इसका सेवन अच्छा माना गया है, क्योंकि घी एक मॉइश्चर का भी काम करता है.
इम्युनिटी बूस्ट करे
‘घी’ को विटामिन ए और विटामिन ई का एक भरोसेमंद सोर्स भी माना गया है, जो हार्मोन और प्रजनन क्षमता के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. इसके अलावा, इसका सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का काम करता है, जो शरीर की किसी भी बीमारी से लड़ने में पूरी तरह सक्षम है. साथ ही सर्दी, खांसी या नाक बंद होने से परेशान होने पर ‘घी’ का सेवन कारगर माना गया है.
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