Source :- NEWS18

भावनगर में ठंडी चीजों की बात हो और आइसक्रीम का ज़िक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. चाहे गर्मी हो या ठंडी, यहां के लोग आइसक्रीम खाने से पीछे नहीं हटते. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को आइसक्रीम पसंद है. कई लोग ऐसे भी हैं जो सर्दियों में भी आइसक्रीम का मजा लेना नहीं भूलते.

ताजगी और स्वाद का परफेक्ट मेल
अगर आइसक्रीम ताजे दूध, फलों और सूखे मेवों से बनाई जाए तो उसका स्वाद और भी खास हो जाता है. सेंट्रल आइसक्रीम की यही खासियत है कि वह किसी केमिकल या प्रिज़र्वेटिव के बिना बनाई जाती है. इसी वजह से यह शहर के लोगों की पहली पसंद बनी हुई है.

120 साल पुरानी दुकान, पांचवीं पीढ़ी चला रही है बिज़नेस
भावनगर की सेंट्रल आइसक्रीम की शुरुआत करीब 120 साल पहले रियाज यूनुसभाई हमीरदानी के परदादा ने की थी. आज उनकी पांचवीं पीढ़ी इस दुकान को चला रही है. रियाज बताते हैं कि शुरू में सिर्फ एक ही फ्लेवर की आइसक्रीम मिलती थी, लेकिन अब यहां 28 से ज्यादा फ्लेवर उपलब्ध हैं, जिनकी कीमत 10 रुपये से 30 रुपये तक है.

हर फ्लेवर में मिलता है घर जैसा स्वाद
यहां की आइसक्रीम में अलग-अलग फलों और ड्राय फ्रूट्स का स्वाद भी शामिल किया गया है. लोग बार-बार इस स्वाद को चखने आते हैं. दुकानदार का दावा है कि हर फ्लेवर पूरी तरह से नैचुरल होता है और यही बात ग्राहकों को बार-बार लौटने के लिए मजबूर करती है.

पीढ़ियों से चल रही ग्राहकों की यादें भी ताज़ा
सेंट्रल आइसक्रीम न सिर्फ स्वाद में बेहतर है, बल्कि लोगों की यादों में भी बसी हुई है. ग्राहक प्रफुलभाई प्रजापति बताते हैं, “जब मैं छोटा था, तब मेरे पिताजी मुझे यहां आइसक्रीम खिलाने लाते थे. अब मैं अपने बच्चों को यहीं लेकर आता हूं. स्वाद पहले जैसा ही है और क्वालिटी भी बेहतरीन है.”

गवर्नर भी बन चुके हैं ग्राहक
इस दुकान की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक समय पर गुजरात के गवर्नर श्रीमन नारायण भी यहां आइसक्रीम खाने आए थे. आज भी यह दुकान शहर की पहचान बनी हुई है और हर दिन बड़ी संख्या में लोग यहां आइसक्रीम खाने पहुंचते हैं.

भावनगर की मिठास का नाम – सेंट्रल आइसक्रीम
भावनगर आने वाले पर्यटक भी इस दुकान पर ज़रूर रुकते हैं. सेंट्रल आइसक्रीम अब सिर्फ एक दुकान नहीं बल्कि शहर की संस्कृति और इतिहास का हिस्सा बन चुकी है. स्वाद, परंपरा और गुणवत्ता का मेल इसे और भी खास बना देता है.

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