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Akshaya Tritiya 2025: अगर सोने की महंगाई की वजह से अक्षय तृतीया पर सोना नहीं खरीद पा रहे हैं तो चांदी आपके लिए एक बेहतर विकल्प है। शुभ के लिए सोना लीजिए और अच्छे रिटर्न के लिए चांदी।
Akshaya Tritiya 2025: अगर सोने की महंगाई की वजह से अक्षय तृतीया पर सोना नहीं खरीद पा रहे हैं तो चांदी आपके लिए एक बेहतर विकल्प है। सोना इस साल काफी तेज रफ्तार से दौड़ रहा है। अप्रैल में इसने एक लाख रुपये का मनोवैज्ञानिक स्तर भी पार कर लिया। ट्रंप के टैरिफ से हुई उथल-पुथल ने इसकी तेजी में भरपूर साथ दिया।
देखा जाए तो इस अवधि में सोने के मुकाबले चांदी की कीमत में वो तेजी नहीं दिखाई दी जो सोने में दिखी है। सोने के मुकाबले चांदी का औद्योगिक इस्तेमाल इसे और आकर्षक बना रहा है। टैरिफ वॉर के शांत होने से इसकी खपत में तेजी आने की संभावना है। इस वजह से भी चांदी की मांग में तेजी की उम्मीद की जा रही है।
केडिया कमोडिटिज के प्रेसीडेंट अजय केडिया ने बताया कि पिछले कई साल से अक्षय तृतीया पर खरीदा गया सोना शानदार रिटर्न देता रहा है। अक्षय तृतीया पर सोने की खरीदारी को लेकर केडिया कहते हैं कि शुभ-लाभ के लिए सोना लीजिए और अच्छे रिटर्न के लिए चांदी।
सोने के मुकाबले चांदी काफी सस्ती
उन्होंने बताया कि एक साल में सोना लगभग 35 प्रतिशत का रिटर्न ऑलरेडी दे चुका है। अब बहुत अधिक बढ़ने की उम्मीद नहीं है। दूसरी ओर गोल्ड-सिल्वर रेशियो दूसरी बार 100 से ऊपर है। इसका मतलब यह है कि सोने के मुकाबले चांदी काफी सस्ती है। इसमें अच्छे रिटर्न की संभावनाएं हैं।
सर्राफा बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि जनवरी से लेकर अब तक सोना करीब 25 फीसदी का उछाल हासिल कर चुका है वहीं, चांदी के भाव में मात्र 13.5% की बढ़ोतरी हुई है। जानकारों को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में चांदी सोने के मुकाबले ज्यादा मुनाफा दे सकता है।
गोल्ड-सिल्वर रेशियो 126 पर पहुंचा
चांदी पर विशेषज्ञों का भरोसा बढ़ने एक और मुख्य कारण सोने-चांदी के अनुपात में वृद्धि है, जो पिछले कुछ महीनों में 100 से अधिक हो गया है। कोरोना महामारी के बाद से यह दूसरी बार है, जब अनुपात 126 पर पहुंच गया है। अनुपात की गणना चांदी के औंस के आधार पर की जाती है जिसे एक औंस सोने से खरीदा जा सकता है।
सोने की कीमत चांदी की तुलना में बहुत तेजी से बढ़ी
इस 126 के उच्च अनुपात से पता चलता है कि सोने की कीमत चांदी की तुलना में बहुत तेजी से बढ़ी है, जो कि ऐतिहासिक आंकड़ों के अनुसार अस्थिर है। पिछले चार वर्षों में यह अनुपात 80 से ऊपर रहा है। पिछले 25 वर्षों (2000 से) में यह औसत 68 रहा है जबकि 10-वर्षीय औसत 85 रहा है। पिछले दशक में यह अनुपात इसलिए भी अधिक था क्योंकि सोने ने 260% रिटर्न दिया जबकि चांदी ने 60% रिटर्न दिया।
महंगे होते सोने से निवेशक दूर हो रहे
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी प्रमुख अनुज गुप्ता के अनुसार, सोने की कीमतों में तेज उछाल ने निवेशकों के लिए इसे कम आकर्षक बना दिया है, जबकि मार्जिन में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण व्यापारियों के लिए यह महंगा हो गया है। सोना मौजूदा स्तरों पर महंगा है और चांदी की तुलना में निकट-से-मध्यम अवधि में इसमें कम तेजी आ सकती है।
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