Source :- NEWS18
Last Updated:January 17, 2025, 16:23 IST
Schizophrenia Treatment: सिजोफ्रेनिया ऐसी मानसिक बीमारी है जिसमें मरीज असमान्य व्यवहार करने लगता है.उसके दिमाग में हमेशा भ्रम की स्थिति बनी रहती है जिससे वह बिना कुछ देखें कुछ भी तर्कहीन बातें करता है. इस बीमारी के कारण का अब तक नहीं पता है. अब…और पढ़ें
Schizophrenia Treatment: सिजोफ्रेनिया एक मानसिक विकार है जो व्यक्ति की सोच, महसूस करने की क्षमता और व्यवहार को प्रभावित करता है. इसमें व्यक्ति वास्तविकता से कटा हुआ महसूस करता है और असामान्य विचारों, ध्वनियों या तस्वीरों का अनुभव कर सकता है. यह एक दीर्घकालिक और गंभीर बीमारी होती है जो सामान्य जीवन जीने में कठिनाई उत्पन्न करती है. सिजोफ्रेनिया क्यों होती है, अब तक इसके बारे में पता नहीं चल सकता है लेकिन सिंगापुर के शोधकर्ताओं की ओर से किए गए शोध में यह बात सामने आई है कि इम्यून सिस्टम के बदलाव सिजोफ्रेनिया की वजह हो सकती है. इम्यून सिस्टम क कारण है इस बीमारी में दवा बेअसर हो जाती है. दुनिया भर में लगभग 2.4 करोड़ लोग सिजोफ्रेनिया से पीड़ित हैं. सिंगापुर में 116 में से 1 व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित है.
इम्यून सिस्टम से जुड़े हैं तार
‘ब्रेन, बिहेवियर एंड इम्यूनिटी’ नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि मानसिक विकारों के विकास के पीछे प्रतिरक्षा प्रणाली की गड़बड़ी हो सकती है. इस दिशा में पहले से ही कई शोध हो रहे हैं. इसके अलावा, सिजोफ्रेनिया के सभी रोगी मानक एंटीसाइकोटिक दवाओं पर प्रतिक्रिया नहीं करते हैं. दुनिया भर में सिजोफ्रेनिया से पीड़ित लगभग तीन में से एक व्यक्ति पर इसके उपचार का कोई खास असर नहीं होता. इसका मतलब है कि उपचार के बावजूद वे मतिभ्रम और भ्रम जैसे लक्षणों से राहत नहीं पाते हैं. सिंगापुर के नेशनल हेल्थकेयर ग्रुप और एजेंसी फॉर साइंस, टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च की टीम ने सिजोफ्रेनिया के इलाज महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. एनएचजी में एनएचजी साइकियाट्री रेजिडेंट, मुख्य लेखक डॉ. ली यानहुई ने कहा, “हमारा लक्ष्य उन इम्यून सिस्टम में परिवर्तनों के दौरान उन कोशिकाओं में बदलाव की पहचान करना था जिसपर दवा बेअसर हो जाती है.
जैसे कि बेहतर नैदानिक परिणामों के लिए जल्द से जल्द क्लोज़ापाइन उपचार शुरू करना. क्लोजापाइन वर्तमान में उपचार-प्रतिरोधी सिज़ोफ्रेनिया के इलाज के लिए संकेतित एकमात्र मनोरोग दवा है. अध्ययन के लिए टीम ने 196 स्वस्थ प्रतिभागियों और उपचार प्रतिरोध की अलग-अलग डिग्री वाले सिजोफ्रेनिया वाले व्यक्तियों के रक्त के नमूनों का विश्लेषण किया. उन्होंने इन कोशिकाओं की पहचान की और उनकी तुलना की. परिणामों ने स्वस्थ व्यक्तियों और सिजोफ्रेनिया वाले लोगों के बीच कुछ इम्यून सेल्स में महत्वपूर्ण अंतर देखने को मिला. इन अध्ययन के बाद सिजोफ्रेनिया के मरीजों में इलाज की नई आस जगी है. इससे रोगियों की शीघ्र पहचान की उम्मीद है. इससे चिकित्सकों को बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए अधिक प्रभावी उपचार रणनीतियों का चयन करने में भी मदद मिलेगी.
क्या है सिजोफ्रेनिया के लक्षण
जिस व्यक्ति में सिजोफ्रेनिया होता है वह आमतौर पर असमान्य व्यवहार करता है. उसके दिमाग में हमेशा भ्रम बन रहता है. कहीं से आवाजें नहीं आती लेकिन उसे महसूस होता है कि कहीं से आवाजें आ रही है. इसी तरह बिना कुछ सामने देखे ही उसे लगता है कि सामने कुछ है. उसके दिमाग में हमेशा विचारों की गड़बड़ी होती रहती है. वे बिना मतलह तर्कहीन बातें करते रहते हैं. इसके अलावा, व्यक्ति में भावनात्मक रूप से सुस्तपन, सामाजिक संबंधों से बचना, और मानसिक थकान भी हो सकती है. सिजोफ्रेनिया के लक्षणों की पहचान और उपचार महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्यक्ति की कार्यक्षमता और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। उपचार में दवाइयाँ और मनोचिकित्सा शामिल होते हैं.
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January 17, 2025, 16:23 IST
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