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कुछ एक्टर्स ऐसे होते हैं जिन्हें सदा ही केरेक्टर रोल के तौर पर काम मिलता है और वह ऐसे रोल में भी कोई कमी नहीं छोड़ते. एक एक्ट्रेस ऐसी ही थीं, जिन्होंने अमिताभ बच्चन से लेकर तमाम बड़े सितारों के साथ काम किया. कोई कहता है कि उन्होंने 200 फिल्मों में अभिनय किया तो कोई कहता है 300. लेकिन उनका चेहरा देखते ही आपको उनका एक किरदार सबसे पहले खट करके दिमाग में आता है, वो है मौसी जी.

जी हां, शोले में हेमा मालिनी के किरदार बसंती की मौसी जी का करिदार निभाने वाली लीला मिश्रा. उन्होंने जरा सी उम्र में ही दादी मां और ना जाने कौन कौन से किरदार निभाए. लेकिन हर बार उन्होंने अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीत लिया.तभी तो 73 की उम्र तक उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड से सम्मानित किया जाता रहा.

काम करना नहीं छोड़ा

एक बार उन्हें लेकर फेमस फिल्ममेकर सई परांजपे ने उन्हें लेकर बातचीत की. जिन्होंने चश्मे बदूर, कथा से लेकर दिशा जैसी फिल्में बनाई थी. सई परांजपे ने बताया था कि लीला मिश्रा अपने काम को लेकर कितना डेडिकेटिड थी. अंतिम पलों में भी उन्होंने काम करना नहीं छोड़ा.

कम पढ़ी लिखी लेकिन समझ खूब

फिल्मफेयर को दिए इंटरव्यू में सई परांजपे ने लीला मिश्रा को लेकर बातचीत की थी. दोनों ने साथ में साल 1983 में आई फिल्म कथा में काम किया था. उन्होंने बताया था कि उन्होंने लीला जैसी एक्ट्रेस कभी नहीं देखी. जो छुपा हुआ हीरा थीं. उनके पास बेशक उतनी पढ़ाई लिखाई न हो लेकिन समझ उनसे कहीं ज्यादा थी. उन्होंने कहा था, ‘लीला मिश्रा समय की पाबंदी और परफेक्शन की मिसाल थीं. मैंने आजतक उन जैसी दूसरी महिला नहीं देखी.’

मेहनती एक्ट्रेस

इसके बाद दोनों ने चश्मे बदूर फिल्म के लिए भी काम किया. तब सई परांजपे ने नोटिस किया कि किस तरह लीला अपने सीन्स के लिए क्रिएटिव थीं. वह खूब मेहनत करती थीं और जैसे हो सके एक एक सीन को बेहतरीन बनाती थीं.

वो फिल्म जिसे करते हुए आ गई आफत

लीला मिश्रा की आखिरी फिल्म दाता थी जिसमें मिथुन चक्रवर्ती, प्रेम चोपड़ा और पद्मिनी कोल्हापुरे नजर आए थे. इस फिल्म के दौरान लीला मिश्रा को पैरालाइज्ड हो गया. पूरे सेट पर उनकी तबीयत को लेकर अफरा तफरी मच गई. सब सोच रहे थे कि कैसे उन्हें जल्द से जल्द अस्पताल ले जाया जाए.

तो भी काम को लेकर डेडिकेशन

सई ने बताया कि लीला अपनी हालत से बिल्कुल भी परेशान नहीं थीं और उन्होंने कैमरा क्रू से सिर्फ इतना कहा कि उन्हें उस साइड से फिल्माया जाए जो प्रभावित नहीं हुई है. साई ने बताया कि शूटिंग खत्म होने के बाद ही लीला मुंबई लौटीं. कुछ ही समय बाद उनका निधन हो गया. सई ने बताया था कि आजतक एक सीन ऐसा था जो शूट नहीं हो पाया था.

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इतनी थी एक्ट्रेस की फीस

सई परांजपे ने बताया कि लीला जी हमेशा अपनी फीस को लेकर एकदम स्पष्ट रहती थीं.चाहे रोल कितना भी छोटा क्यों न हो, वो रोज़ के ₹1000 की अपनी तय फीस ही लेती थीं और कभी कोई समझौता नहीं करती थीं. सई ने एक मज़ेदार किस्सा शेयर करते हुए बताया कि एक बार मशहूर फिल्ममेकर सत्यजित रे ने लीला मिश्रा को शतरंज के खिलाड़ी में रोल के लिए अप्रोच किया. लेकिन लीला जी उन्हें पहचान नहीं पाईं और सीधे पूछा – “मुझे मेरी रोज की फीस तो मिलेगी ना?”

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