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अमेरिका के नए विदेश मंत्री मार्को रुबियो अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ आज वॉशिंगटन में करेंगे। डॉ. एस जयशंकर यहां अमेरिका सरकार के निमंत्रण पर आए हैं। वे डोनाल्ड ट्रंप के 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। ट्रंप ने सोमवार को राष्ट्रपति पद की शपथ ली। अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, “विदेश मंत्री रुबियो भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में मुलाकात करेंगे।” यह बैठक फॉगी बॉटम स्थित स्टेट डिपार्टमेंट के मुख्यालय में आयोजित होगी।
QUAD की पहली मंत्री स्तरीय बैठक के बाद होगी द्विपक्षीय वार्ता
इससे पहले रुबियो ने इंडो-पैसिफिक क्वाड (QUAD) देशों के विदेश मंत्रियों के साथ अपनी पहली बहुपक्षीय बैठक की। QUAD एक अनौपचारिक समूह है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका शामिल हैं। मार्को रुबियो द्वारा QUAD बैठक और भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता को प्राथमिकता देना कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आमतौर पर अमेरिकी प्रशासन की पहली विदेश नीति की पहल कनाडा और मेक्सिको जैसे पड़ोसी देशों या नाटो सहयोगियों के साथ होती है।
मार्को रुबियो की भारत के साथ संबंध मजबूत करने की प्राथमिकता
मार्को रुबियो पहले फ्लोरिडा से अमेरिकी सीनेटर थे। वे हाल ही में अमेरिकी सीनेट में सर्वसम्मति से (99-0 वोट) विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त किए गए। सीनेटर रुबियो ने पिछले वर्ष एक विधेयक पेश किया था, जिसमें भारत को जापान, इजरायल और नाटो सहयोगियों के समान तकनीकी हस्तांतरण में प्राथमिकता देने का प्रस्ताव था। इसके अलावा, उन्होंने मांग करते हुए कहा था कि अगर पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद को समर्थन देता पाया जाए तो पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता रोक दी जानी चाहिए।
53 वर्षीय मार्को रुबियो चीन के प्रति अपने सख्त रुख के लिए जाने जाते हैं। वे दो बार चीन द्वारा प्रतिबंधित किए जा चुके हैं। 2020 में उन्हें चीन ने प्रतिबंधित करते हुए अपने देश में प्रवेश पर रोक लगाई थी। रुबियो का भारत के साथ पहली द्विपक्षीय बैठक करना दोनों देशों के मजबूत होते संबंधों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह बैठक दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच सहयोग को नई दिशा देने की उम्मीदों के साथ हो रही है।
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