Source :- NEWS18

 भरतपुर. सर्दियों के मौसम में भरतपुर के हर घर में देसी अंदाज में बना मिर्ची का अचार स्वाद और सेहत का अनोखा संगम होता है. यह अचार न केवल खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि ठंड के दिनों में खाने में काफी स्वादिष्ट और लाजवाब होता है.पाचन को बेहतर बनाने में भी मददगार होता है. इसे तैयार करने में  लाल या हरी मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है. जिन्हें ताजे मसालों और सरसों के तेल के साथ मिलाकर बनाया जाता है.

छाछ में डालकर दूर होता है तीखापन 
अचार बनाने की शुरुआत मिर्च को धोकर और अच्छी तरह सुखाने से होती है. इसके बाद इस मिर्चियों को 4 से 5 दिन तक छाछ में डालकर रखा जाता है. इससे मिर्चियों का तीखापन निकल जाता है. छाछ मिर्च को नरम और खट्टा स्वाद देने में मदद करता है. इसके बाद मिर्च को लम्बाई में काटा जाता है और इनके अंदर मसाले भरे जाते हैं.

धूप में रखने से गहराता है अचार का स्वाद 
मसाले तैयार करने के लिए सरसों का दाना, सौंफ, मेथी, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर और नमक को एक साथ मिलाया जाता है. मसाले भरने के बाद मिर्च को सरसों के तेल में डाला जाता है और अच्छी तरह से मिलाया जाता है. इससे मसाले और मिर्च का स्वाद एक-दूसरे में घुल जाता है और इसके बाद इस अचार को कुछ दिनों तक धूप में रखा जाता है. धूप में रखने से अचार का स्वाद और भी गहरा और लाजवाब बनता है. यह देसी मिर्ची का अचार परांठे, पूरी, दाल-चावल या रोटी के साथ खाने में बेहद स्वादिष्ट लगता है.

पाचन सुधारने में भी मददगार 
इसका चटपटा और मसालेदार स्वाद ठंड के दिनों में खाने का मजा दोगुना कर देता है. इसके अलावा यह अचार पाचन को सुधारने में भी मदद करता है और सर्दियों में शरीर को गर्माहट प्रदान करता है. देसी मसालों और पारंपरिक विधि से तैयार किये जाने वाला यह मिर्ची का अचार भरतपुर की सर्दियों का एक खास हिस्सा है. यह अचार भरतपुर के हर घर में देसी अंदाज में बनता है.

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