Source :- NEWSTRACK LIVE
देहरादून: उत्तराखंड के टिहरी जिले के द्वारी-थापला गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। ठंड से बचने के लिए कमरे में अंगीठी जलाकर सोने से एक दंपति की दम घुटने से मौत हो गई। घटना गुरुवार रात की है, जब 52 वर्षीय मदन मोहन सेमवाल और उनकी पत्नी 48 वर्षीय यशोदा देवी एक शादी समारोह से लौटकर अपने कमरे में सोने गए थे।
ठंड से बचने के लिए उन्होंने रात करीब 11 बजे अंगीठी जलाई और उसे कमरे के अंदर रख लिया। कमरे का दरवाजा बंद करके सोने के कारण चिमनी से उठने वाले धुएं ने कमरे में जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भर दी। इस जहरीली गैस के कारण उनका दम घुट गया। सुबह जब उनका बेटा उन्हें जगाने पहुंचा, तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। काफी देर तक आवाज देने के बाद भी कोई जवाब नहीं आया। जब परिजनों और पड़ोसियों ने मिलकर दरवाजा तोड़ा, तो देखा कि दंपति बिस्तर पर मृत पड़े थे। यह मंजर देखकर परिजन सदमे में आ गए।
ग्राम प्रशासक रिंकी देवी के अनुसार, मदन मोहन सेमवाल सरकारी इंटर कॉलेज में क्लर्क के पद पर कार्यरत थे। यह घटना क्षेत्र में गहरे दुख का कारण बनी है। अधिकारियों का कहना है कि चिमनी से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बेहद खतरनाक होती है, और बंद कमरे में इसका स्तर जानलेवा हो सकता है।
अलाव जलाना पड़े, तो बरतें सावधानी:-
ठंड से बचने के लिए अंगीठी या अलाव जलाने का चलन आम बात है, लेकिन इसे सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल न करना जानलेवा साबित हो सकता है। इस घटना ने एक बार फिर यह चेतावनी दी है कि सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। ठंड के मौसम में ऐसी घटनाएं पहले भी सामने आई हैं, और यह हादसा उन्हीं खतरों की एक और कड़ी है। अगर आप भी ठंड से बचने के लिए अलाव या अंगीठी जलाते हैं, तो कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। कमरे में अलाव जलाने से बचें, और अगर ऐसा करना जरूरी हो, तो कमरे का वेंटिलेशन सुनिश्चित करें। बंद दरवाजों और खिड़कियों के बीच अंगीठी जलाना बेहद खतरनाक है, क्योंकि कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बाहर नहीं निकल पाती। इसके अलावा, सोने से पहले अंगीठी को पूरी तरह बुझा देना चाहिए।
ठंड से बचाव के कई और सुरक्षित विकल्प भी मौजूद हैं, जैसे गर्म कपड़े पहनना, हीटर का इस्तेमाल करना, या गर्म पानी की बोतल का उपयोग करना। लेकिन अगर आप अंगीठी या अलाव जलाने का विकल्प चुनते हैं, तो उसकी वजह से बनने वाले खतरों को नजरअंदाज न करें। छोटी-छोटी सावधानियां बड़ी त्रासदियों से बचा सकती हैं। यह घटना एक दुखद उदाहरण है, जो हमें याद दिलाती है कि ठंड से बचने की कोशिश में हमारी लापरवाही हमारी जान पर भारी पड़ सकती है। इससे सबक लेते हुए हमें अपनी और अपनों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए।
SOURCE : NEWSTRACK