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Ayurvedic Vata Pitta Kapha Dosha Symptoms: आयुर्वेद के अनुसार शरीर में बीमारियां इन तीन दोषों के इंबैलेंस की वजह से होती है- वात, पित्त और कफ। जानें वात, पित्त और कफ दोष के कौन से लक्षण शरीर में दिखते हैं।

Aparajita लाइव हिन्दुस्तानThu, 22 May 2025 02:42 PM
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आयुर्वेद में बताए गए वात, पित्त और कफ दोष को इन लक्षणों से पहचानें

आयुर्वेद की मदद से जैसे ही किसी बीमारी का इलाज किया जाता है। तो सबसे पहले इंसान के शरीर के दोष चेक किये जाते है। वात, पित्त और कफ ये तीन दोष लगभग सारी तरह की बीमारी को जन्म देते हैं। ऐसे में कई बार कंफ्यूजन हो जाता है कि आखिर ये वात, पित्त और कफ पता कैसे चलेगा। न्यूट्रिशनिस्ट श्वेता शाह ने शरीर में वात, पित्त और कफ के लक्षणों को इंस्टाग्राम पर लोगों के साथ शेयर किया है। जिससे शरीर की तकलीफों को समझना आसान हो जाता है।

वात के लक्षण

शरीर में जब वायु यानी वात बढ़ता है तो कुछ इस तरह के लक्षण दिखते हैं। पेट में गैस बनना, एसिडिटी होना, खाना खाने के बाद पेट फूलना, घबराहट होना, बेचैनी लगना, मन अस्थिर सा लगता है। होंठ हर मौसम में फटे रहते हैं। शरीर में में दर्द बना रहता है और नींद भी बहुत कम आती है। हाथ ठंडे हो जाते हैं, बाल बिल्कुल ड्राई रहते हैं। ऐसे लक्षणों वाले इंसान में वात प्रकृति पाई जाती है। ऐसे लोगों को हमेशा गर्म और आसानी से पच जाने वाली चीजें खानी चाहिए। साथ ही तिल का तेल लगाना चाहिए और डेली रूटीन को फॉलो करना चाहिए।

पित्त के लक्षण

शरीर में अगर पित्त का प्रभाव ज्यादा है। इसका पता इन लक्षणों से चलता है। जैसे कि इंसान को छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आता है। एसिडिटी होती है और चेहरे पर मुंहासे बहुत ज्यादा निकलते हैं। पसीना ज्यादा निकलता है और साथ ही शरीर से बदबू भी आती है। इसके अलाबा बार-बार भूख लगती है तो ये पित्त प्रकृति होती है। पित्त बढ़ने पर शरीर में गर्मी बढ़ती है और डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतें परेशान करती हैं।

कफ दोष के लक्षण

जो लोग वजन घटाना चाहते हैं लेकिन वजन घट नहीं रहा बहुत मेहनत करनी पड़ रही है। बिस्तर पर लेटने के बाद भी टाइम से नींद नहीं आती है। आलस आता है, पूरा दिन लेटे रहते हैं। कुछ काम करने का मन नहीं होता क्योंकि लाइफ में मोटिवेशन नहीं है। तो ये लक्षण कफ दोष के होते हैं।

इन तीन तरह के दोषों को समझने के बाद ही आयुर्वेद की मदद से उपचार करना आसान होता है।

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