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भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस और अमेरिका के कॉग्निजेंट के बीच का विवाद बढ़ता जा रहा है। बीते दिनों अमेरिकी आईटी कंपनी कॉग्निजेंट ने इंफोसिस के खिलाफ ट्रेड सीक्रेट चुराने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया था। अब इंफोसिस ने अमेरिकी अदालत में कॉग्निजेंट के खिलाफ एक काउंटर क्लेम दायर किया है।
क्या है आरोप
इंफोसिस का आरोप है कि कंपनी और उसके सीईओ रवि कुमार प्रतिस्पर्धा-विरोधी रणनीति में शामिल थे। उन्होंने सीक्रेट इंफॉर्मेशन का मिसयूज किया और Infosys Helix के ग्रोथ को सुस्त करने में अहम भूमिका निभाई। काउंटर क्लेम में इंफोसिस ने जूरी ट्रायल की मांग की है ताकि अदालत भारतीय आईटी कंपनी के साथ कॉग्निजेंट के समझौतों को अमान्य घोषित करे और साथ ही उसे हुए नुकसान का तीन गुना मुआवजा दे, साथ ही वकील की फीस भी दे।
बता दें कि कॉग्निजेंट की सहायक कंपनी कॉग्निजेंट ट्राइजेटो ने कुछ महीनों पहले आरोप लगाया था कि इंफोसिस ने अपने हेल्थकेयर इंश्योरेंस सॉफ्टवेयर से संबंधित ट्रेड सीक्रेट को चुरा लिया है। हालांकि, इंफोसिस ने तब इसका खंडन करते हुए कहा था कि वह अदालत में मुकदमे का जोरदार बचाव करेगी।
रवि कुमार का इंफोसिस से कनेक्शन
कॉग्निजेंट के सीईओ रवि कुमार इंफोसिस के टॉप मैनेजमेंट में रह चुके हैं। वह कंपनी के प्रेसिडेंट और डिप्टी सीओओ के रूप में काम कर चुके हैं। उन्होंने साल 2016 में इंफोसिस के प्रेसिडेंट के तौर पर ज्वाइन किया था। वहीं, साल 2019 में कंपनी ने अपने हेल्थकेयर इंश्योरेंस के लिए Infosys Helix को डेवलप करना शुरू किया। आरोप है कि रवि कुमार ने शुरू में इस प्लेटफॉर्म के डेवलपमेंट में अपना प्रयास जारी रखा लेकिन जब उन्होंने साल 2022 में कॉग्निजेंट के साथ जुड़ने के बारे में बातचीत शुरू की तो सुस्त पड़ गए।
इंफोसिस का कहना है कि 2022 में हेलिक्स के लिए रवि कुमार का उत्साह अचानक ठंडा हो गया। इस वजह से इंफोसिस हेलिक्स के पूरा होने में कम से कम 18 महीने की देरी हुई। बता दें कि अक्टूबर 2022 में रवि कुमार ने इंफोसिस से इस्तीफा दे दिया था।
कर्मचारियों को लेकर भिड़ंत
आईटी दिग्गज इंफोसिस और कॉग्निजेंट में पहले भी कर्मचारियों को तोड़ने को लेकर भिड़ंत हो चुकी है। इंफोसिस ने आरोप लगाया था कि उसके कर्मचारियों को अमेरिकी कंपनी तोड़ने की कोशिश कर रही है।
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