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36 मिनट पहले
इसराइली अधिकारियों का दावा है कि हूती विद्रोहियों की यमन से दागी गई एक मिसाइल रविवार सुबह इसराइल के बेन गुरियन एयरपोर्ट के मेन टर्मिनल के पास गिरी.
ऑनलाइन पोस्ट किए गए अपुष्ट वीडियो फुटेज में मिसाइल के गिरने और धुएं के गुबार हवा में उठते हुए दिखाई दिए. इन्हीं वीडियोज में हवाई अड्डे के पास की सड़क पर ड्राइवर्स शेल्टर लेते हुए दिखाई दे रहे हैं.
इसराइली मीडिया के मुताबिक ब्लास्ट की वजह से चार लोग घायल हुए हैं. शेल्टर लेने की कोशिश में भी दो लोग घायल हुए.
इसराइल के रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज ने एक बयान में कहा, “जो कोई भी हम पर हमला करेगा, हम उस पर कई गुना ज़्यादा ताकत से हमला करेंगे.”
मिसाइल को रोक नहीं पाया इसराइल का एयर डिफेंस सिस्टम

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हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सारेया ने टेलीविज़न पर दिए बयान में कहा कि, “इसराइली एयरपोर्ट अब हवाई यात्रा के लिए सुरक्षित नहीं है.”
हालांकि बेन गुरियन एयरपोर्ट पर थोड़ी रुकावट के बाद फ्लाइट्स दोबारा शुरू हो गई.
हूती मिसाइल के हमले से पहले इसराइल में कई स्थानों सायरन की आवाजें सुनाई दीं.
इसराइली वायु सेना का कहना है कि वो इस बात की जांच कर रहे हैं कि एयर डिफेंस सिस्टम मिसाइल को रोकने और नष्ट करने में क्यों असमर्थ रहा.
स्थानीय मीडिया में जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें जहां मिसाइल गिरी वहां पर बड़ा गड्ढा दिखाई दे रहा है.
ईरान समर्थित हूती विद्रोही लगातार इसराइल पर मिसाइल दागते रहते हैं. लेकिन ऐसा कम ही होता है कि इसराइल का एयर डिफेंस सिस्टम उन्हें रोक नहीं पाए.
हूती का कहना है कि ग़ज़ा के लोगों के समर्थन में वो इसराइल पर हमले कर रहा है.
हूती विद्रोहियों ने नवंबर 2023 के बाद लाल सागर में इसराइल से संबंध रखने वाले जहाजों पर भी हमले किए हैं.
अमेरिका ने जवाबी कार्रवाई में यमन में स्थित हूती ठिकाने पर हमले किए हैं. इन हमलों में अमेरिका को ब्रिटेन का साथ भी मिला है.
लेकिन अमेरिका और ब्रिटेन की चेतावनी के बावजूद हूती विद्रोहियों का लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाना जारी है.
एयर इंडिया की उड़ानों पर भी असर

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इस मिसाइल हमले का एयर इंडिया की उड़ानों पर भी असर पड़ा. इसे लेकर एयर इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक बयान जारी किया है.
बयान के मुताबिक़, “आज सुबह तेल अवीव में हुई घटनाओं के चलते, हमारे ग्राहकों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तेल अवीव से हमारा परिचालन तत्काल प्रभाव से 6 मई 2025 तक निलंबित रहेगा.”
बयान में कहा गया, “4 से 6 मई 2025 के बीच हमारी उड़ानों पर बुकिंग कराने वाले ग्राहकों को टिकट वैध होने की स्थिति में एक बार के लिए रीशेड्यूलिंग या कैंसिलेशन पर पूरा रिफंड पाने की सुविधा दी जाएगी.”
अमेरिका की ईरान को चेतावनी

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अमेरिका और इसराइली अधिकारी हूती हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं. हालांकि ईरान का कहना है कि हूती ‘स्वतंत्र’ हैं.
अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने हाल ही में कहा कि ईरान को हूती विद्रोहियों का समर्थन करने की कीमत चुकानी होगी.
30 अप्रैल को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “ईरान के लिए मैसेज. हमने हूती के लिए आपका समर्थन देखा है. हम जानते हैं कि आप क्या कर रहे हैं.”
“आप जानते हैं कि अमेरिका की सेना क्या करने की हिम्मत रखती है और आपको लगातार चेतावनी भी दी गई है. आपको समय आने पर, हमारी चुनी गई जगह पर इस समर्थन की कीमत चुकानी होगी.”
अमेरिकी रक्षा मंत्री ने ये रुख उस वक्त अपनाया जब अमेरिका और ईरान के बीच चौथे दौर की वार्ता होनी थी. हालांकि बाद में कहा गया कि ये वार्ता पहले से तय की गई तारीख पर नहीं होगी.
हेगसेथ ने अपने एक्स अकाउंट पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मार्च में ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किए गए बयान को दोहराया.
इस मैसेज में ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि वो “हूती हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराएंगे.”
उन्होंने ईरान पर हूती विद्रोहियों को हथियार, पैसा, एडवांस सैन्य उपकरण और खुफिया सहायता मुहैया करवाने का आरोप लगाया.
मध्य-पूर्व में तनाव के हालात

सात अक्तूबर 2023 को हमास के इसराइल पर हमले के बाद से ही मध्य-पूर्व में तनाव के हालात बने हुए हैं.
हमास के इसराइल पर किए गए हमले में 1200 लोगों की मौत हुई थी जबकि 251 लोगों को बंधक बनाया गया था.
हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक सात अक्तूबर के बाद से ग़ज़ा में इसराइली हमलों में 52,400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जिनमें अधिकतर बच्चे और महिलाएं हैं.
ग़ज़ा पर इसराइली हमलों के बाद से हिज़्बुल्लाह ने खुलकर हमास का समर्थन किया और लेबनान के भीतर से इसराइल पर मिसाइल दागी.
बीते साल हिज़्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की इसराइली हमलों में मौत हो गई थी. हिज़्बुल्लाह के कई और नेता भी इसराइली हमलों में मारे गए.
कौन हैं हूती विद्रोही

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हूती यमन के अल्पसंख्यक शिया ‘ज़ैदी’ समुदाय का एक हथियारबंद समूह है.
इस समुदाय ने 1990 के दशक में तत्कालीन राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के कथित भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए इस समूह का गठन किया था.
उनका नाम उनके अभियान के संस्थापक हुसैन अल हूती के नाम पर पड़ा है. वे ख़ुद को ‘अंसार अल्लाह’ यानी ईश्वर के साथी भी कहते हैं.
साल 2003 में अमेरिका के नेतृत्व में इराक़ पर हुए हमले में हूती विद्रोहियों ने नारा दिया था, ”ईश्वर महान है. अमेरिका का ख़ात्मा हो, इसराइल का ख़ात्मा हो. यहूदियों का विनाश हो और इस्लाम की विजय हो.”
उन्होंने ख़ुद को हमास और हिज़्बुल्लाह के साथ मिलकर इसराइल, अमेरिका और पश्चिमी देशों के ख़िलाफ़ ईरान के नेतृत्व वाली ‘प्रतिरोध की धुरी’ का हिस्सा बताया था.
हूती विद्रोही लेबनान के सशस्त्र शिया समूह हिज़्बुल्लाह के मॉडल से प्रेरणा लेते हैं.
हूती ख़ुद को ईरान का सहयोगी भी बताते हैं क्योंकि उनका साझा दुश्मन सऊदी अरब है.
शक जताया जाता है कि हूती विद्रोहियों को ईरान हथियार भी दे रहा है.
अमेरिका और सऊदी अरब का कहना है कि ईरान ने हूती विद्रोहियों को बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस किया था, जिनका इस्तेमाल 2017 में सऊदी अरब की राजधानी रियाद पर हमले के लिए किया गया था. इन मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया गया था.
सऊदी अरब ने ईरान पर हूती विद्रोहियों को क्रूज़ मिसाइल और ड्रोन देने का भी आरोप लगाया है, जिन्हें 2019 में सऊदी अरब के तेल कारखानों पर हमले के लिए इस्तेमाल किया गया था.
हूती विद्रोही सऊदी अरब पर कम रेंज वाली हज़ारों मिसाइल दाग़ चुके हैं और उन्होंने यूएई को भी निशाना बनाया है.
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