Source :- BBC INDIA
एक घंटा पहले
इसराइली सरकार ने ग़ज़ा में युद्धविराम और फ़लस्तीनी कैदियों के बदले इसराइली बंधकों की रिहाई के लिए हमास के साथ समझौते को मंज़ूरी दे दी, जिसके बाद रविवार को युद्धविराम लागू हो गया है.
15 महीनों तक चले युद्ध में इसे अब तक की सबसे महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है. ये युद्ध सात अक्तूबर 2023 को उस वक्त शुरू हुआ था जब हमास के नेतृत्व में सशस्त्र फ़लस्तीनी समूहों इसराइल पर हमला कर दिया था.
युद्धविराम रविवार को स्थानीय समयानुसार आठ बजकर 30 मिनट पर (06:30 जीएमटी) शुरू होना था, लेकिन इसे सवेरे 11 बजकर 15 मिनट तक के लिए टाल दिया गया.
इसराइल का कहना था कि हमास समझौते के पहले चरण में आज़ाद किए जाने वाले बंधकों की सूची इसराइल को सौंपे. वहीं हमास ने देरी के लिए “तकनीकी कारणों” को ज़िम्मेदार ठहराया.
हमास और इसराइल के बीच हुआ समझौता है क्या?
दोनों पक्षों के बीच समझौता होने की ख़बर बुधवार को क़तर ने दी थी, जो इस समझौते के लिए दोनों के बीच मुख्य मध्यस्थ है.
क़तर के अलावा अमेरिका और मिस्र ने भी मध्यस्थ के रूप में अहम भूमिका निभाई है.
हालांकि अब तक न तो इसराइली वार्ताकारों ने और न ही हमास के वार्ताकारों ने आधिकारिक तौर पर ये बताया है कि समझौते में क्या क्या बातें शामिल हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इससे पहले कहा था कि “इस समझौते के बाद ग़ज़ा में युद्ध समाप्त होगा और वहां के फ़लस्तीनी नागरिकों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा सकेगी, जिसकी उन्हें सख्त ज़रूरत है.”
साथ ही उन्होंने कहा था कि “15 महीनों बाद इसराइली बंधक कैद से छूटेंगे और अपने परिजनों से मिल सकेंगे.”
एक दिन बाद जो बाइडन राष्ट्रपति पद की कमान डोनाल्ड ट्रंप को सौंपने वाले हैं.
हमास के सात अक्तूबर 2023 को इसराइल पर हमला किया था. इस दौरान हमास के लड़ाके 251 इसराइलियों को अपने साथ बंधक बनाकर ले गए थे.
माना जा रहा है कि अब भी हमास के कब्ज़े में 94 बंधक मौजूद हैं. हालांकि इसराइल का ये मानना है कि अब केवल 60 बंधक जीवित बचे हैं.
हमास का कहना है कि हर एक बंधक जिसे आज़ाद किया जाएगा, उसके बदले इसराइली जेलों में बंद 30 फ़लस्तीनी क़ैदियों को आज़ाद किया जाएगा.
शनिवार को मिस्र ने कहा था कि समझौते के तहत युद्धविराम के पहले चरण में छह सप्ताह में इसराइल कुल 1,890 फ़लस्तीनियों को आज़ाद करेगा.
युद्धविराम के पहले दिन हमास तीन महिला बंधकों को आज़ाद करने वाला है. वहीं उसका कहना है कि इसके बदले इसराइली जेलों में बंद 90 फ़लस्तीनी कैदियों को आज़ाद किया जाएगा.
युद्धविराम कैसे लागू होगा?
क़तर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने कहा कि इसराइल और हमास तीन-चरणीय समझौते पर सहमत हो गए हैं जो रविवार से लागू होगा.
इस समझौते में क्या-क्या शामिल है, इसे समझते हैं.
पहला चरण
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को समझौते पर सहमति जताते हुए कहा कि पहला चरण 42 दिन या छह हफ़्ते तक चलेगा और इसमें “पूर्ण युद्धविराम” होगा.
शेख मोहम्मद ने कहा कि हमास 33 इसराइली बंधकों को रिहा करेगा, जिनमें “महिलाएं, महिला सैनिक, बच्चे, बुजुर्ग, बीमार और घायल नागरिक” शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि इसके बदले में इसराइली जेलों में बंद “कई” फ़लस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाएगा.
इसराइली सरकार के प्रवक्ता डेविड मेन्सर ने पहले कहा था कि 33 बंधकों में से अधिकांश अभी भी जीवित हैं. इनमें बच्चे भी शामिल हैं.
एक फ़लस्तीनी अधिकारी ने पहले बीबीसी को बताया था कि पहले दिन तीन बंधकों को रिहा किया जाएगा, जबकि बाकी आदान-प्रदान छह हफ़्तों के दौरान नियमित अंतराल पर होता रहेगा.
बाइडन ने कहा कि पहले चरण के दौरान इसराइली सैनिक ग़ज़ा के “सभी” आबादी वाले क्षेत्रों से बाहर निकल जाएंगे, जबकि “फ़लस्तीनी अपने पड़ोस में ग़ज़ा के सभी क्षेत्रों में वापस लौट सकते हैं.”
दोहा में वार्ता में शामिल एक वरिष्ठ फ़लस्तीनी अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि समझौते की शर्तों के मुताबिक़, हमास पुलिस अपनी आधिकारिक नीली वर्दी में दक्षिणी ग़ज़ा से उत्तर की ओर विस्थापित लोगों की आवाजाही का प्रबंधन करेगी. इस दौरान वह इसराइली सुरक्षा बलों के करीब जाने से भी बचेगी.
इस बात पर भी सहमति हुई है कि सुरक्षा अधिकारी केवल बहुत ज़रूरी होने पर ही हथियार लेकर चलेंगे.
ग़ज़ा में इसराइल के लगातार हमलों और बड़े रिहायशी क्षेत्रों को खाली करने के आदेश की वजह से यहां के लगभग 23 लाख लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है.
शेख़ मोहम्मद ने कहा कि ग़ज़ा में मानवीय सहायता पहुंचाने में भी बढ़ोतरी होगी. यहां हर रोज़ सैकड़ों ट्रकों को पहुंचने की अनुमति दी जाएगी. साथ ही अस्पतालों, क्लीनिकों और बेकरियों का पुनर्वास भी किया जाएगा.
फ़लस्तीनी अधिकारी ने पहले कहा था कि दूसरे और तीसरे चरण के लिए विस्तृत बातचीत युद्धविराम के 16वें दिन शुरू होगी.
बाइडन ने कहा कि युद्धविराम तब तक जारी रहेगा “जब तक बातचीत जारी रहेगी.”
दूसरा चरण
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के मुताबिक़ दूसरे चरण में “युद्ध का स्थायी अंत” होगा.
बाकी के ज़िंदा बचे बंधकों को अधिक फ़लस्तीनी कैदियों के बदले में रिहा कर दिया जाएगा. इन इसराइली बंधकों में पुरुष भी शामिल हैं.
ऐसा माना जा रहा है कि इसराइल ने कुल एक हज़ार फ़लस्तीनी कैदियों को रिहा करने पर सहमति जताई है, जिनमें से लगभग 190 कैदी 15 साल या उससे अधिक से सज़ा काट रहे हैं.
एक इसराइली अधिकारी ने पहले बीबीसी को बताया था कि हत्या के दोषियों को कब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में नहीं छोड़ा जाएगा.
इसके अलावा ग़ज़ा से इसराइली सैनिकों की पूर्ण वापसी भी हो जाएगी.
तीसरा चरण
तीसरे और अंतिम चरण में ग़ज़ा का पुनर्निर्माण शामिल है. इसमें कई साल लग सकते हैं. इसके अलावा इस चरण में बाकी बचे बंधकों के शवों को वापस लाना शामिल है.
इस समझौते से जुड़े वे सवाल जिनके जवाब अब तक नहीं मिले
यहां तक पहुंचने के लिए कई महीनों की कठिन बातचीत हुई है जो अलग-अलग और बंद दरवाज़ों के पीछे हुई है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि इसराइल और हमास एकदूसरे पर विश्वास नहीं करते हैं.
हमास बंधकों को रिहा करने से पहले युद्ध की पूर्ण समाप्ति चाहता था, जो कि इसराइल को मंजूर नहीं था.
जब तक युद्धविराम समझौते की शर्तें पूरी होती रहेंगी, युद्ध पर प्रभावी तौर पर रोक लग जाएगी.
हालाँकि, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या इसका मतलब यह होगा कि युद्ध हमेशा के लिए ख़त्म हो गया है.
इसराइल के युद्ध के मुख्य उद्देश्यों में से एक हमास की सैन्य और शासन क्षमताओं को ख़त्म करना था. हालाँकि इसराइल ने हमास को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है, फिर भी हमास के पास संचालन और फिर से संगठित होने की कुछ क्षमता है.
अब तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि कौन से बंधक जीवित हैं और कौन नहीं, या जो लोग लापता हैं हमास को उन सभी लोगों के बारे में पता है या नहीं.
हमास ने अपनी ओर से कुछ कैदियों की रिहाई की मांग की है, लेकिन इसराइल का कहना है कि वह उन्हें रिहा नहीं करेगा. माना जाता है कि इनमें वे लोग भी शामिल हैं जो 7 अक्तूबर के हमलों में शामिल थे.
समझौते के तहत इसराइली बंधकों और फ़लस्तीनी क़ैदियों पर बनी सहमति को देखते हुए, यह स्पष्ट नहीं है कि युद्धविराम के किसी भी दिन कितने बंधकों और कैदियों की अदला-बदली की जाएगी.
यह भी पता नहीं है कि क्या इसराइल एक निश्चित तारीख़ तक अपने और ग़ज़ा के बीच के बफ़र जोन से बाहर निकलने पर सहमत होगा, या फिर वहां उसकी उपस्थिति बनी रहेगी.
इस बीच पिछले बार हुए युद्धविराम को देखते हुए, ये माना जा रहा है कि युद्धविराम के दौरान स्थिति नाजु़क भी हो सकती है.
इस दौरान एक छोटी-सी घटना भी बड़े ख़तरे में बदल सकती है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
SOURCE : BBC NEWS