Source :- LIVE HINDUSTAN
सीरिया में बशर अल असद के शासन का अंत हो गया है। हालांकि लंबे समय तक चले गृह युद्ध के निशान अभी रह-रहकर उभर आते हैं। गृह युद्ध के दौरान कई जगहों पर बारूदी सुरंगें, गोला-बारूद और अन्य विस्फोटक बिछाए गए थे जो कि अब भी फट जाते हैं। केवल दिसंबर के महीने में इस तरह की घटनाओं में 116 बच्चों की जान जा चुकी है। UNICEF ने इस तरह की घटनाओं को लेकर चेतावनी जारी की है। यूएन की एजेंसी का कहना है कि सुसुप्त पड़े विस्फोटकों से बहुद दहशत है और ये अकसर बच्चों के लिए जानलेवा साबित होते हैं।
एजेंसी का कहना है कि कई बार बम, शेल्स, ग्रेनेड, लैंडमाइन या फिर क्लस्टर म्यूनिशन बिना विस्फोट के ही पड़े रह जाते हैं। दशकों तक इनके विस्फोट का खतरा बना रहता है। यूनीसेफ ने कहा कि बशर अल असद की सरकार हटने के बाद दिसंबर महीने में ही 116 बच्चों के मारे जाने की रिपोर्ट मिली है। इस हिसाब से हर दिन औसतन चार बच्चों की मौत हो जाती है। यूनीसेफ ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
सीरिया में गृह युद्ध के दौरान भी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हुई थी। यहां 14 साल तक गृह युद्ध चला जिसमें करीब 5 लाख लोगों को घर बार छोड़ना पड़ा। इसके अलावा सीरिया भर में करीब 3 लाख 24 हजार हथियार सुसुप्त अवस्था में ही पड़े रह गए, जिनके फटने का खतरा बना रहता है। बीते 9 साल में 4 लाख 22 हजार जगहों पर इस तरह के विस्फोटक पाए गए हैं। ज्यादातर घटनाओं में बच्चों की ही मौत हुई है।
यूनीसेफ ने कहा कि विद्रोहियों के हमले औऱ तख्तापलट के बाद एक बार फिर विस्थापन की समस्या बढ़ गई है। बहुत सारे बच्चों को अपने मां बाप के साथ घर बार छोड़ना पड़ा था। अब वे फिर से अपने घरों में लौटने की कोशिश कर हे हैं। यूनीसेफ ने कहा कि सीरिया में इस तरह के विस्फोटकों को साफ करने का प्रयास करना चाहिए।
यूनीसेफ ने कहा कि बहुत सारे बच्चे अब भी इस तरह के इलाके में रहते हैं जहां विस्फोट की संभावना बनी रहती है। ऐसे में बच्चों की मौत को रोकने के लिए सीरिया की नई सरकार को प्रयास करने चाहिए। यूनीसेफ के प्रवक्ता जेम्स एल्डर ने कहा कि हादसों को टालने के लिए सरकार को करोड़ों डॉलर खर्च करने होंगे। हालांकि इससे मासूमों की जिंदगी बच जाएगी। बच्चों की जान के बदले में इतना खर्च कुछ भी नहीं है।
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