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तनाव कई तरह की शारीरिक समस्याओं का कारण बनता है। अध्ययन में पाया गया है कि स्ट्रेस और एंजाइटी के शिकार लोगों में भी रोजेशिया के लक्षण ज्यादा तेजी से उभरते हैं। ऐसे में कोशिश करें कि रोजाना कुछ देर ध्यान या मेडिटेशन करके अपने मन को शांत रखने का प्रयास करें।

रोजमर्रा के जीवन में आपने अपने आसपास कई ऐसे लोगों को देखा होगा, जिनका चेहरा धूप में निकलते ही लाल हो जाता है। कुछ लोगों के चेहरे पर तो अचानक लाल धब्बे जैसे नजर आने लगते हैं। आमतौर पर लोग इसे सनबर्न की समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं तो कुछ लोग इसे विटामिन डी की कमी से जोड़कर देखने लगते हैं। हालांकि आपको बता दें, ये दोनों ही कारण हमेशा चेहरा लाल होने का कारण नहीं बनते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो ऐसा अगर अकसर होता है और व्यक्ति के चेहरे पर रेडनेस यानी लालिमा ज्यादा समय तक बनी रहती है, तो इसके पीछे रोजेशिया (स्किन इन्फ्लेमेशन) भी एक कारण हो सकता है। बता दें, रोजेशिया एक प्रकार की स्किन कंडीशन है जिसमें विशेष रूप से व्यक्ति की नाक और गाल लाल हो जाते हैं। जिसकी वजह से व्यक्ति को चेहरे पर जलन या चुभन भी महसूस हो सकती है।

इन विटामिन्स की कमी बनती है रोजेशिया का कारण

रोजेशिया एक स्किन इन्फ्लेमेशन कंडीशन है। जिसकी मतलब त्‍वचा में जलन होना होता है। आर्टेमिस हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम की त्वचा विशेषज्ञ डॉ. शिफा यादव के अनुसार, कुछ अध्ययनों में विटामिन बी2, बी9 और बी12 की कमी के कारण रोजेशिया की समस्या होने के प्रमाण मिले हैं। रोजेशिया की समस्या होने के बाद बी3 और बी12 की कमी इसके लक्षणों को बढ़ाने का कारण भी बनती है। बता दें, धूप को इसका ट्रिगर माना जाता है। धूप में निकलते ही अचानक व्यक्ति के गाल पूरी तरह से लाल हो जाते हैं। कई बार व्यक्ति को इस समस्या की वजह से देखने में भी परेशानी होने लगती है।

ये सप्लीमेंट्स हो सकते हैं मददगार

रोजेशिया होने के पीछे भले ही विटामिन बी की कमी को कारण माना जाता हो, लेकिन इसके लक्षणों से बचाव में कई अन्य सप्लीमेंट भी मदद कर सकते हैं। ऐसे ही सप्लीमेंट्स में सबसे पहला नाम विटामिन ए का आता है। त्वचा पर हुए कई अध्ययनों के अनुसार विटामिन ए को डाइट में शामिल करने से चेहरे की लालिमा को कम किया जा सकता है। इसके अलावा विटामिन बी3, जिंक सल्फेट, ओमेगा-3 और विटामिन के का सेवन भी रोजेशिया के लक्षणों को कम करने में मददगार हो सकता है।

तनाव ही नहीं इन चीजों से भी करें परहेज

-तनाव कई तरह की शारीरिक समस्याओं का कारण बनता है। अध्ययन में पाया गया है कि स्ट्रेस और एंजाइटी के शिकार लोगों में भी रोजेशिया के लक्षण ज्यादा तेजी से उभरते हैं। ऐसे में कोशिश करें कि रोजाना कुछ देर ध्यान या मेडिटेशन करके अपने मन को शांत रखने का प्रयास करें।नियमित रूप से ऐसा करना रोजेशिया के लक्षणों को कम किया जा सकता है।

-अल्कोहल का सेवन करने से भी बचना चाहिए। बता दें, अल्कोहल के सेवन से त्वचा से संबंधित परेशानियां बढ़ती हैं।

-गर्म पेय जैसे चाय, कॉफी से भी रोजेशिया के लक्षण ट्रिगर हो सकते हैं। इसलिए इनका सेवन भी कम करें।

-स्किन केयर, हेयर केयर या अन्य ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर भी नजर रखें। कई बार इस तरह के स्किन और हेयर केयर प्रोडक्ट्स रोजेशिया के लक्षणों को ट्रिगर कर देते हैं।

डॉक्टर की सलाह

अगर समस्या ज्यादा या लगातार बनी हुई है, तो चिकित्सक परामर्श जरूर ले लें। रोजेशिया के लक्षण और इन्फ्लेमेशन की स्थिति के आधार पर चिकित्सक उपचार करते हैं। आमतौर पर डॉक्टर इलाज के लिए कुछ खाने वाली दवाएं और क्रीम का प्रयोग करने की सलाह देते है। इस बात का खास ख्याल रखें कि बिना डॉक्टर की सलाह के इलाज करने से स्थिति और ज्यादा बिगड़ सकती है।

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