Source :- LIVE HINDUSTAN
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बॉलीवुड एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी जिंदगी का सबसे डरवाने वाला किस्सा शेयर किया था। एक्टर ने बताया कि उस दिन उन्हें पहली बार एहसास हुआ था कि उनकी जान भी जा सकती है। लेकिन एक फिल्म ने ने उन्हें बचा लिया।
बॉलीवुड एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा हिंदी सिनेमा के उन सितारों में गिने जाते हैं जिन्होंने अपने दमदार डायलॉग्स, अलग अंदाज और मजबूत स्क्रीन प्रेजेंस से एक खास पहचान बनाई। 70 और 80 के दशक में उन्होंने लगातार हिट फिल्में दीं और पुलिस अफसर, गैंगस्टर से लेकर हीरो तक के किरदारों में खूब जमे। काला पत्थर, दोस्ताना, कालीचरण, खिलौना, शान, बेताज बादशाह जैसी फिल्मों में उनके काम को आज भी याद किया जाता है। शत्रुघ्न सिन्हा पिछले पांच दशक से फिल्मों में एक्टिव हैं। इस दौरान उनकी जिंदगी में एक ऐसा दिन भी आया था जब उन्हें लगा कि वो मर जाएंगे ।इस बारे में हाल में एक्टर ने बात की।
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न्यूयॉर्क में होने वाला था हादसा
हाल ही में आज तक चैनल के साथ बातचीत में एक्टर ने अपने जीवन से जुड़े के किस्से के बारे में बात की जिसे वो कभी भुला नहीं पाए। एक्टर ने बताया सालों पहले वो न्यूयॉर्क गए थे। यहां उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जिससे उनकी जान भी जा सकती थी। एक्टर ने बताया कि वो न्यूयॉर्क के रेडिसन होटल में ठहरे हुए थे। एक रात वह अपने एक दोस्त के घर डिनर पर गए। डिनर के बाद दोस्त उन्हें होटल छोड़ने आया। रात के करीब एक बज चुके थे। रास्ते में दोस्त ने एक जगह कार रोक दी और कहा कि होटल यहीं पास में है, आप पैदल चले जाएं। शत्रु जी कार से उतर गए, लेकिन वह इलाका पूरी तरह सूनसान और अंधेरे में डूबा हुआ था। उन दिनों न्यूयॉर्क के कुछ इलाके रात में काफी सुरक्षित नहीं माने जाते थे और लूटपाट की घटनाएं आम थीं।
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शत्रुघ्न सिन्हा की जान को था खतरा
कुछ दूर चलने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा को एहसास हुआ कि जिस इमारत को होटल बताया गया था, वह असल में होटल नहीं थी। सभी इमारतें एक जैसी दिख रही थीं और वह रास्ता भटक चुके थे। उस वक्त उनके पास एक बैग भी था, जिसमें कीमती सामान था। अकेले, अंधेरी सड़क पर खड़े शत्रु जी के मन में डर बैठ गया। उन्हें लगने लगा कि आज कुछ भी गलत हो सकता है, यहां तक कि उनकी हत्या भी। उन्होंने वहां से गुजर रहे एक व्यक्ति से होटल का रास्ता पूछा, लेकिन उस शख्स ने रूखे अंदाज़ में उन्हें टाल दिया। तब तक रात के दो बज चुके थे और शत्रुघ्न सिन्हा उसी सुनसान सड़क पर अकेले खड़े थे। वह खुद कहते हैं कि उस पल उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे वह अपनी मौत का इंतजार कर रहे हों।
एक फिल्म ने बचा ली जान
तभी अचानक एक कार उनकी ओर आती दिखाई दी। कार कुछ आगे जाकर रुकी, फिर पीछे की ओर लौटने लगी। शत्रु जी डर गए। उन्हें लगा कि अब वही होने वाला है, जिसका डर उन्हें सता रहा था। कार उनके सामने आकर रुकी और शीशा नीचे हुआ। तभी कार के अंदर से आवाज आई ‘पुत्त जट्टां दे?’ और कहा गया, “वहीं रुक जाओ।” इसके बाद जो हुआ, वह शत्रुघ्न सिन्हा के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था।
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लोगों ने अपने हीरो को पहचान लिया
कार चलाने वाले व्यक्ति ने उनसे पूछा कि वह इतनी रात को इस खतरनाक इलाके में क्या कर रहे हैं। उसने रेडियो पर किसी से बात की और कुछ ही मिनटों में वहां 20 से 25 गाड़ियां पहुंच गईं। उन सभी गाड़ियों में सिख समुदाय के लोग थे। उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा को चारों तरफ से घेर लिया और कहा कि यह इलाका बहुत खतरनाक है, लेकिन अब उन्हें डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उन्होंने उन्हें पहचान लिया है। उन लोगों ने पूरी सुरक्षा के साथ शत्रुघ्न सिन्हा को उनके होटल तक पहुंचाया। शत्रु जी ने उनका दिल से धन्यवाद किया और कुछ पैसे देने की कोशिश भी की, लेकिन सभी ने पैसे लेने से मना कर दिया। उनमें से एक व्यक्ति ने कहा, “आप पुत्त जट्टां दे हैं, आप हमारे हीरो हैं।” दरअसल, उस 1983 में आई पंजाबी फिल्म ‘पुत्त जट्टां दे’ में एक्टर ने काम किया था। इस फिल्म में धर्मेंद्र भी थे। इस फिल्म ने विदेशी धरती पर उन्हें बचा लिया।
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