Source :- LIVE HINDUSTAN
एक मां का काम पूरे चौबीसों घंटे चलने वाला काम है। ऐसे में कभी कभी नेगेटिविटी और फ्रस्टेशन होना नॉर्मल है। इस सिचुएशन से बचने के लिए आप कुछ चीजों को अपने रूटीन में शामिल कर सकती हैं।

वो फिल्मी डायलॉग तो आपने भी कभी ना कभी सुना ही होगा कि एक मां से बड़ा योद्धा कोई नहीं होता। इस छोटी सी बात में कितनी सच्चाई है वो शायद एक मां ही समझ सकती है। उसके जीवन में कोई सैटर्डे संडे नहीं आते, वो चुपचाप बिना शिकायत, बिना किसी गीले-शिकवे के लगी रहती है अपने बच्चों की परवरिश में। अगर आप एक मां हैं तो जरा याद करें कि चौबीसों घंटों में से कितने घंटे आपने सिर्फ खुद के लिए निकालें। ज्यादातर माएं सब कुछ याद रखती हैं, बस यही भूल जाती हैं और इससे उनकी मेंटल और फिजिकल हेल्थ दोनों पर इंपैक्ट पड़ता है। कई बार यही गुस्सा और फ्रस्टेशन उनके स्ट्रेस का कारण बनता है। ऐसे में आप कुछ चीजें कर सकती हैं जो आपको रिलैक्स रखने और बेहतर पेरेंट बनने में मदद करेंगी।
अपनी लाइफ की बेहतर चीजों पर दें ध्यान
कई बार सारा दिन बच्चों के पीछे बिजी रहने के चलते अमूमन होता है कि सब कुछ नेगेटिव सा लगने लगता है। ऐसे में मन में तरह-तरह की नेगेटिविटी आती है और कई बार स्ट्रेस और एंग्जाइटी भी काफी बढ़ जाते हैं। ऐसी सिचुएशन से निपटने के लिए बेहतर है कि आप अपने जीवन की पॉजिटिव चीजों पर अपना फोकस शिफ्ट कर दें। दिन में थोड़ा सा समय निकालें जब आप सिर्फ पॉजिटिविटी पर ही ध्यान दें।
बच्चे द्वारा की गई अच्छी चीजों की बनाएं लिस्ट
रोजाना कुछ देर निकालें और कम से कम तीन अच्छी चीजें नोट करें जो आपके बच्चे ने आज की हैं। ऐसा करने से आपको एक मां होने के नाते काफी पॉजिटिव महसूस होगा। कहीं ना कहीं आप जान भी पाएंगी कि क्या आप पेरेंटिंग में सही दिशा की ओर बढ़ रही हैं या नहीं। वैसे भी एक मां के लिए इससे पॉजिटिव बात नहीं होती है कि उसका बच्चा अच्छा कर रहा है और वो भी एक मां के रूप में सफल हो रही हैं।
गुस्से को इस तरह करें मैनेज
कई बार फ्रस्टेशन के चलते गुस्सा आना स्वाभाविक है। उसमें भी जब बच्चे थोड़ी बदमाशी करें तो उन्हें संभालना मुश्किल हो जाता है। हालांकि आपका यह समझना जरूरी है कि बच्चा तो बचपना करेगा ही। उसमें हर बात पर चिड़चिड़ा होने की जरूरत नहीं। जब भी गुस्सा आए तो खुद से कहें कि मैं इन सब चीजों से बहुत बेहतर हूं और मेरा बच्चा यह सब डिजर्व नहीं करता। ऐसा करने से आप ना सिर्फ खुद रिलैक्स महसूस करेंगी बल्कि आपकी पेरेंटिंग स्किल्स भी इंप्रूव होंगी।
ध्यान रखें आप भी गलतियां कर सकती हैं
मां बनने के बाद परफेक्शन का प्रेशर इतना ज्यादा होता है कि कई बार वो मेंटल हेल्थ को भी इंपैक्ट कर सकता है। जबकि आपको यह बात समझनी जरूरी है कि पेरेंटिंग एक हमेशा चलने वाली जर्नी है। इसमें कुछ सही गलत नहीं होता बल्कि जैसे-जैसे आप ग्रो करती हैं, वैसे ही पेरेंटिंग का तरीका भी बेहतर होता है। इसलिए रोजाना खुद से कहें कि मैं अपना बेस्ट दे रही हुं लेकिन मुझे नहीं भूलना चाहिए कि मैं भी एक इंसान हूं जो गलतियां कर सकता है।
खुद से कहें, ‘एक जगह नहीं रुकना’
अमूमन पैरेंट्स बनने के बाद सबसे ज्यादा जिम्मेदारियां एक मां के कंधों पर ही आती हैं। इन जिम्मेदारियों और एक्सपेक्टेशंस के बीच एक मां भूल जाती है कि उसके भी कुछ सपने हैं और सिर्फ मां होना ही उसकी पहचान नहीं है। इसलिए अक्सर पेरेंट बनने के बाद कई महिलाएं डिप्रेस हो जाती हैं। उन्हें लगता है कि वो लाइफ में सब के लिए करती रहीं और खुद पीछे छूट गईं। इस भावना से बचने के लिए रोजाना खुद के लिए समय निकालें और जानें कि कैसे आप लाइफ में ग्रो कर सकती हैं। खुद को हैप्पी और इंगेज रखने के लिए इस तरह का सेल्फ एनालिसिस करना बेहद जरूरी है।
(Credit: @RIDDHI DEORAH)
SOURCE : LIVE HINDUSTAN