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राहुल गांधी से सिख युवक ने किए सवाल
भाजपा नेता अमित मालवीय ने राहुल गांधी का एक वीडियो शेयर करते हुए कहा है कि दुनियाभर में उनका मजाक बनाया जा रहा है। इंडिया टीवी इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन एनडीटीवी की खबर के अनुसार यह वीडियो दो सप्ताह पुराना है, जब राहुल गांधी अमेरिका में ब्राउन यूनिवर्सिटी के वाटसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स में एक संवाद के लिए गए थे। वीडियो शेयर करते हुए अमित मालवीय ने कहा कि सिख व्यक्ति ने राहुल गांधी को उनकी पिछली अमेरिका यात्रा के दौरान किए गए “निराधार भय-प्रचार” की याद दिला दी है। उन्होंने कहा, “यह बिल्कुल अभूतपूर्व है कि राहुल गांधी का अब न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में उपहास किया जा रहा है।”
सिख व्यक्ति ने राहुल गांधी से पूछा “आप सिखों में यह डर पैदा करते हैं कि भाजपा कैसी दिखेगी, आपने कहा कि राजनीति में भय नहीं होना चाहिए, हम सिर्फ कड़ा पहनना नहीं चाहते, हम सिर्फ पगड़ी बांधना नहीं चाहते, हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता चाहते हैं, जिसे अतीत में कांग्रेस पार्टी के शासन में अनुमति नहीं दी गई।”
कांग्रेस पार्टी पर लगाए आरोप
युवा सिख ने कहा कि आनंदपुर साहिब प्रस्ताव दलित अधिकारों की बात करता है और अलगाववाद का कोई जिक्र नहीं करता, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस ने इसे अलगाववादी दस्तावेज करार दिया था। उन्होंने कहा, “यह कुछ ऐसा है जो आपकी पार्टी ने किया है, आपकी पार्टी में अपनी गलतियों को स्वीकार करने की परिपक्वता की कमी है।” सिख व्यक्ति ने पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार का जिक्र किया, जिन्हें 1984 के दंगों से जुड़ी हत्या के लिए दोषी ठहराया गया है, और कहा, “कांग्रेस पार्टी में कई और सज्जन कुमार बैठे हैं।”
सिख व्यक्ति ने कहा, “आप हमें यह डरने को कहते हैं कि ‘भाजपा का भारत’ कैसा दिखेगा, लेकिन आपने सिखों के साथ सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश नहीं की। आप क्या प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि यदि आप इसी तरह चलते रहे तो भाजपा पंजाब में भी अपनी जगह बना लेगी।”
राहुल गांधी का जवाब
अपने जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि सिखों को किसी बात से डर लगता है। उन्होंने कहा “मैंने जो बयान दिया था वह यह था कि क्या हम ऐसा भारत चाहते हैं, जहां लोग अपने धर्म को व्यक्त करने में असहज हों? जहां तक कांग्रेस पार्टी की गलतियों का सवाल है, उनमें से बहुत सी गलतियां तब हुईं जब मैं वहां नहीं था, लेकिन मैं कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने इतिहास में की गई हर गलती की जिम्मेदारी लेने में बहुत खुश हूं। मैंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि 80 के दशक में जो हुआ वह गलत था, मैं कई बार स्वर्ण मंदिर गया हूं, भारत में सिख समुदाय के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं।”
सिख व्यक्ति ने अपने सवाल में राहुल गांधी के उस बयान का उल्लेख किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि “भारत में लड़ाई इस बात पर है कि क्या सिख को पगड़ी पहनने की अनुमति दी जाएगी, क्या सिख को कड़ा पहनने की अनुमति दी जाएगी या गुरुद्वारा जाने की अनुमति दी जाएगी।”
1980 में क्या हुआ था?
1980 के दशक में इंदिरा गांधी सरकार ने कट्टरपंथी प्रचारक जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व में पंजाब में अलगाववादी आंदोलन को कुचल दिया था। सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में छिपे भिंडरावाले को भारतीय सेना ने मंदिर परिसर में घुसकर मार दिया था। सेना के ऑपरेशन के दौरान अकाल तख्त को मलबे में बदल दिया गया था, जिससे समुदाय के भीतर भारी आक्रोश फैल गया था।
कुछ महीनों बाद इंदिरा गांधी को उनके सिख अंगरक्षकों ने गोली मार दी। उनकी हत्या के बाद सिखों के खिलाफ व्यापक हिंसा हुई। कई कांग्रेस नेताओं पर इस हिंसा को बढ़ावा देने का संदेह है। सरकारी अनुमानों के अनुसार, दिल्ली और अन्य जगहों पर 3,000 से अधिक सिख मारे गए। कांग्रेस ने स्थिति को जिस तरह से संभाला, उसमें राजीव गांधी का यह कथन भी शामिल है कि “जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है, तो जमीन हिलती है”, यह बार-बार पार्टी को परेशान करता रहा है। भाजपा ने 1984 के दंगों को लेकर कांग्रेस पर राजनीतिक हमलों का जवाब देने के लिए बार-बार निशाना साधा है।
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