Source :- LIVE HINDUSTAN
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से 6-7 मई को पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों के खिलाफ किया गया सैन्य अभियान था। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू इस ऑपरेशन में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया।

ऑपरेशन सिंदूर के झटके से उबरने की कोशिश में लगे पाकिस्तान ने अब अपने मित्र चीन की ओर रुख किया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार सोमवार को बीजिंग की यात्रा पर जाएंगे। उपप्रधानमंत्री का भी पद संभालने वाले डार चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय वार्ता कर सकते हैं। खबर के अनुसार, अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी भी डार और वांग के साथ बैठक में भाग लेंगे। इसके लिए वह 20 मई को चीन पहुंचेंगे।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘तीनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने, सुरक्षा सहयोग बढ़ाने और हाल में पाकिस्तान-भारत संघर्ष के मद्देनजर क्षेत्र में उभरती स्थिति पर चर्चा होने की उम्मीद है।’ विदेश कार्यालय ने बयान में कहा कि डार चीन के विदेश मंत्री वांग के निमंत्रण पर 19 से 21 मई तक चीन की यात्रा पर रहेंगे, जहां वे कई अहम मुद्दों पर बातचीत करेंगे। इशाक डार विदेश मंत्री वांग यी के साथ दक्षिण एशिया में उभरते क्षेत्रीय हालात और शांति व स्थिरता पर इसके प्रभावों को लेकर चर्चा करेंगे।
पाकिस्तान की मदद करता दिखा चीन
पाकिस्तानी विदेश मंत्री का चीन दौरा पिछले कुछ हफ्तों की उथल-पुथल के बाद हो रहा है, जब अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इसके जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और सैन्य अड्डों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया। इस दौरान चीन विभिन्न तरीकों से पाकिस्तान की मदद करता नजर आया। नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर जॉइंट वॉरफेयर स्टडीज के महानिदेशक अशोक कुमार के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान के रडार और वायु रक्षा प्रणालियों को पुनर्गठित करने में मदद की, ताकि भारतीय सैन्य तैनाती और हथियारों का पता लगाना आसान हो।
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने ऑपरेशन के दौरान चीनी निर्मित हथियारों जैसे PL-15 मिसाइल, HQ-9 वायु रक्षा प्रणाली और JF-17 थंडर व J-10C फायरबर्ड फाइटर जेट का उपयोग किया। पाकिस्तान ने इन मिसाइलों को ऑपरेट करने के लिए ‘थर्ड पार्टी’ ऑपरेटरों का सहारा लिया, जो संभवतः चीनी सहायता का हिस्सा थे। हालांकि, भारतीय सेना ने स्वदेशी तकनीक और S-400 जैसे रक्षा प्रणालियों के उपयोग से इन हथियारों को निष्प्रभावी कर दिया। चीन ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि उसने युद्ध के दौरान हथियारों की आपूर्ति नहीं की। साथ ही, सोशल मीडिया पर Y-20 विमान से हथियार भेजने की खबरों को अफवाह करार दिया।
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