Source :- LIVE HINDUSTAN

भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी आधिकारिक दावेदारी पेश कर दी है। उन्होंने अपना नामांकन भर दिया है। कर्नाटक के तुमकुर के रहने वाले चंद्र आर्य ने कन्नड़ में ही सदन में संबोधित किया। चंद्र आर्य की पहचान खालिस्तानियों के कट्टर विरोधी और भारत-मातृ भाषा को प्रेम करने वाले के रूप में है। उन्होंने कहा, ‘लगभग पांच करोड़ कन्नड़ लोगों के लिए यह गर्व का क्षण है कि कर्नाटक के तुमकुर जिले के शिरा तालुक का एक व्यक्ति कनाडा में संसद सदस्य के रूप में चुना गया है और अब इस प्रतिष्ठित संस्थान में कन्नड़ में बोल रहा है।’

उन्होंने कनाडा में कन्नड़ प्रवासी की जीवंत सांस्कृतिक गतिविधियों के बारे में याद किया, जिसमें 2018 में कनाडाई संसद में आयोजित कन्नड़ राज्योत्सव समारोह भी शामिल है। उन्होंने कर्नाटक की साहित्यिक विरासत का सम्मान करते हुए राष्ट्रकवि कुवेम्पू की पंक्तियों को उद्धृत किया और वैश्विक कन्नड़ समुदाय के साथ एक राग छेड़ते हुए ‘सभी हो सकते हैं, सभी हो सकते हैं, आप हमेशा कन्नड़ हो सकते हैं’ के साथ समाप्त किया।

कर्नाटक में तुमकुर जिले के शिरा तालुक में जन्मे श्री आर्य की कनाडा की राजनीतिक यात्रा समावेशिता, सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व और वैश्विक सहयोग के प्रति उनके समर्पण को दर्शाती है। विविधता और एकता के मूल्यों पर आधारित उनके अभियान ने कनाडा में भारतीय प्रवासियों का महत्वपूर्ण ध्यानाकर्षित किया है। उनकी उम्मीदवारी को वैश्विक राजनीति में भारतीय मूल के व्यक्तियों के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है। कन्नड़ में कनाडाई संसद को संबोधित करके, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व के लिए प्रयास करते हुए सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के महत्व को दर्शाया है। कन्नड़ और वृहद् भारतीय प्रवासियों ने उनकी पहल की सराहना की है, इसे भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत कहा है।

बता दें कि चंद्र आर्य एमबीए करने के बाद 2006 में कनाडा चले गए थे। वह नेपियन के सांसद हैं। वह कनाडा में हिंदू समुदाय का हमेशा समर्थन करते रहे हैं। इसके अलावा वह अपनी मातृभाषा औऱ देश से भी बहुत लगाव रखते हैं। (वार्ता से इनपुट्स के साथ)

SOURCE : LIVE HINDUSTAN