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Kitchen items may cause hormonal issue: कमजोरी, थकान महसूस होती है और डॉक्टर ने हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या बताई है। तो जरूरी है कि किचन में मौजूद इन 6 चीजों को फौरन बाहर कर दें। ये चीजें हार्मोनल इंबैलेंस को बढ़ा सकती हैं।

खानपान का सीधा असर सेहत पर होता है। इसलिए इन दिनों डाइट और खराब लाइफस्टाइल को छोड़ने की सलाह दी जाती है। लेकिन कई बार केवल सही लाइफस्टाइल और हेल्दी डाइट काफी नहीं होते। हमारे आसपास कई सारी ऐसी चीजें मौजूद होती हैं जो इनडायरेक्ट हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा रही होती हैं। अगर आपकी रसोई में भी ये 6 चीजें मौजूद हैं तो उन्हें फौरन बाहर कर दें क्योंकि जाने-अनजाने आपके हार्मोंस को डिस्टर्ब कर बीमार बना सकती हैं।

हार्मोंस इंबैलेंस से हो सकती हैं कई गंभीर बीमारियां

महिलाओं में हार्मोंस का उतार-चढ़ाव प्यूबर्टी से शुरू होकर मेनोपॉज तक होता रहता है। लेकिन ये पूरी तरह से नॉर्मल है। लेकिन जब हार्मोनल इंबैलेंस होता है तो या तो हार्मोंस ज्यादा प्रोडक्ट होते हैं या कम होते हैं। दोनों ही स्थिति सेहत के लिए हार्मफुल होती है। हार्मोंस इंबैलेंस होने पर कॉमन लक्षण थकान, कमजोरी, वजन बढ़ना या घटना, इंफर्टिलिटी, मूड स्विंग या नींद में कमी की प्रॉब्लम होती है। वहीं ये समस्या बढ़कर पीसीओएस, थायराइड डिसऑर्डर बन जाती है। खराब डाइट और लाइफस्टाइल हार्मोंस को बुरी तरह से इफेक्ट करती हैं। इंस्टाग्राम पर डॉक्टर अंजलि कुमार ने वीडियो शेयर जानकारी दी है कि कुछ किचन आइटम हार्मोंस को डिस्टर्ब कर सकते हैं।

किचन आइटम से हो सकती है हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या

प्लास्टिक कंटेनर

प्लास्टिक की बोतल में खाना, पानी रखना लगभग हर घर में बिल्कुल कॉमन है। एक्सपर्ट कई बार बता चुके हैं कि जिन प्लास्टिक कंटेनर में बीपीए होगा वो एंडोक्राइन को डिस्टर्ब करेगा, जिससे हार्मोंस प्रभावित होते हैं। इसलिए घर में प्लास्टिक के कंटेनर और बोतलो की बजाय स्टील और प्लास्टिक के बोतल और कंटेनर रखें।

नॉन स्टिक बर्तन

नॉन स्टिक के बर्तनों में स्क्रैच दिखने लगे हैं तो फौरन इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। लेकिन काफी सारे लोग अब भी पुराने, स्क्रैच वाले नॉन स्टिक बर्तनों को यूज कर रहे हैं। ये नॉनस्टिक पैन या कुकवेयर थायराइड फंक्शन को अफेक्ट करते हैं। पुराने हो चुके नॉनस्टिक कोटिंग आसानी से खाने में अब्जॉर्ब हो जाते हैं।

रिफाइंड कुकिंग ऑयल

एक्सपर्ट कहते हैं कुकिंग के लिए हमेशा कोल्ड प्रेस्ड ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन काफी सारे घरों में प्रोसेस्ड रिफाइंड कुकिंग ऑयल ही इस्तेमाल होता है। जो कि शरी में इंफ्लेमेशन और हार्मोनल इंबैलेंस को बढ़ाती है।

टी बैग्स

ग्रीन टी पीने के लिए ज्यादातर लोग टी बैग्स का इस्तेमाल करते हैं। जिसमे माइक्रोप्लास्टिक कंटेंस होते हैं। जो आपके हार्मोनल बैलेंस को गड़बड़ कर रही है। अगर हेल्दी डाइट के लिए टी को पी रही हैं तो हमेशा लूज चाय की पत्तियों को यूज करें।

प्लास्टिक रैपर

जिस तरह से प्लास्टिक कंटेनर हेल्थ के लिए खतरनाक है। उसी तरह से प्लास्टिक रैपर में भी केमिकल होते हैं जो हार्मोंस को डिस्टर्ब कर देते हैं। गरम खाने के संपंर्क में आते ही ये केमिकल रिलीज कर खाने में अब्जॉर्ब हो जाते हैं।

एल्यूमिनियम से बने पैकेट

एल्यूमिनियम फॉइल, इस खास चीज से बने पैकेट जिनमे आप गर्म खाना रख देते हैं। तो इसमे मौजूद केमिकल आसानी से फूड में अब्जॉर्ब हो जाते हैं। खासतौर पर एसिडिक फूड को एल्यूमिनिमय वाले पैकेट्स में नहीं रखना चाहिए।

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