Source :- LIVE HINDUSTAN
सिडनी में भारतीय मूल के एक डॉक्टर पर महिला मरीज से अश्लील सवाल पूछने और बिना सहमति के शारिरिक जांच करने पर ऐक्शन हुआ है। डॉक्टर ने खुद को बेकसूर बताते हुए महिला पर ब्लैकमेल का आरोप लगाया।

भारतीय मूल के एक डॉक्टर पर ऑस्ट्रेलिया में एक महिला मरीज से अश्लील सवाल पूछने और बिना सहमति के शारीरिक जांच करने के मामले में ऐक्शन हुआ है। न्यू साउथ वेल्स सिविल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव ट्राइब्यूनल (NCAT) ने उनका तीन साल के लिए प्रैक्टिस प्रतिबंधित कर दिया गया है। उधर, डॉक्टर ने खुद को बेकसूर बताते हुए 20 मिलियन डॉलर (करीब 110 करोड़ रुपए) मानहानि की याचिका दायर की है।
क्या हैं आरोप?
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2020 में एक महिला पेट दर्द और पीरियड मिस होने की शिकायत लेकर सिडनी के मेरिलैंड्स में स्थित क्लिनिक गई थी, जहां डॉक्टर मोहनदास बालासिंघम ने उसका इलाज किया। महिला का आरोप है कि डॉक्टर ने उससे कई अश्लील सवाल पूछे। डॉक्टर ने पूछा- “तुम्हारे कितने सेक्सुअल पार्टनर रहे हैं?”, “तुम पहली बार कब यौन रूप से सक्रिय हुईं?” और “तुम्हारे कितने बॉयफ्रेंड नेपाली थे और कितने ऑस्ट्रेलियाई?”
महिला ने रोते-रोते सुनाई आपबीती
इसके अलावा, डॉक्टर पर आरोप है कि उन्होंने बिना महिला की स्पष्ट सहमति के शारिरिक जांच। महिला ने क्लिनिक से बाहर निकलने के बाद अपने साथी के साथ रोते हुए इस घटना का जिक्र किया और दो दिन बाद हेल्थ केयर कंप्लेंट्स कमीशन में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।
दुर्व्यवहार में दोषी करार
2023 में NCAT में इस मामले की सुनवाई हुई, जिसमें डॉक्टर को “असंतोषजनक पेशेवर आचरण” और “पेशेवर दुर्व्यवहार” का दोषी करार दिया गया। इसके बाद उन्हें तीन वर्षों के लिए मेडिकल प्रैक्टिस से प्रतिबंधित कर दिया गया।
डॉक्टर ने खुद को बताया बेकसूर
डॉ. बालासिंघम ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने अदालत में एक 20 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 110 करोड़ रुपये) की याचिका भी दायर की है। उनका दावा है कि HCCC ने उनके खिलाफ झूठे आरोप गढ़े और महिला ने उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश की।
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