Source :- LIVE HINDUSTAN
8th Pay Commission: साल 2025 में केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी। इससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के सैलरी में बंपर इजाफा होने की उम्मीद है। अगर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर गौर करें तो इसके लागू होने से केंद्रीय कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी में 11000 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी। ऐसे में 8वें वेतन आयोग से भी कर्मचारियों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। बता दें कि नए वेतन आयोग की सिफारिशें साल 2026 में लागू होंगी। वहीं, इस वेतन आयोग की सिफारिशें साल 2026 में लागू होने की उम्मीद है।
7 वेतन आयोग गठित
अबतक सात वेतन आयोग गठित हो चुके हैं। आइए जानते हैं कि किस वेतन आयोग ने क्या सिफारिश की थी।
पहला वेतन आयोग (मई 1946 से मई 1947)
चेयरमैन: श्रीनिवास वरदाचार्य
न्यूनतम वेतन: 55 रुपये प्रति माह। अधिकतम वेतन: 2,000 रुपये प्रति माह।
लाभार्थी: लगभग 15 लाख कर्मचारी
दूसरा वेतन आयोग (अगस्त 1957 से अगस्त 1959)
अध्यक्ष: जगन्नाथ दास
न्यूनतम वेतन 80 रुपये प्रति माह की सिफारिश की गई
लाभार्थी: लगभग 25 लाख कर्मचारी।
तीसरा वेतन आयोग (अप्रैल 1970 से मार्च 1973)
अध्यक्ष: रघुबीर दयाल
न्यूनतम वेतन 185 रुपये प्रति माह की सिफारिश की गई।
लाभार्थी: लगभग 30 लाख कर्मचारी।
चौथा वेतन आयोग (सितंबर, 1983 से दिसंबर, 1986)
चेयरमैन: पी.एन. सिंघल
न्यूनतम वेतन 750 रुपये प्रति माह की सिफारिश की गई।
लाभार्थी: 35 लाख से अधिक कर्मचारी
पांचवां वेतन आयोग (अप्रैल, 1994 से जनवरी, 1997)
चेयरमैन: न्यायमूर्ति एस. रत्नावेल पांडियन
न्यूनतम वेतन 2,550 रुपये प्रति माह की सिफारिश की गई।
लाभार्थी: लगभग 40 लाख कर्मचारी
छठा वेतन आयोग (अक्टूबर, 2006 से मार्च, 2008)
चेयरमैन: न्यायमूर्ति बी.एन. श्री कृष्ण
न्यूनतम वेतन: 7,000 प्रति माह
अधिकतम वेतन: 80,000 रुपये प्रति माह
लाभार्थी: लगभग 60 लाख कर्मचारी
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें
न्यायमूर्ति ए के माथुर के अध्यक्षता वाले सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने से न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये प्रति माह तक बढ़ाया गया। इससे पहले 6वें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन 7000 रुपये प्रति माह था। इस लिहाज से न्यूनतम वेतन में 11000 रुपये की बढ़ोतरी हुई। वहीं, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत अधिकतम वेतन 2,50,000 रुपये प्रति माह निर्धारित है। इसके लाभार्थी एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी हैं।
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