Source :- LIVE HINDUSTAN

भारत में आम को जल्दी पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड जैसे घातक रसायनों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। एफएसएसएआई ने इन रसायनों पर प्रतिबंध लगाया है। आम की पहचान…

डॉयचे वेले दिल्लीFri, 25 April 2025 07:51 PM
share Share
Follow Us on
केमिकल से पके हुए आम खाने से आपके शरीर में ये हो सकता है

आम को जल्दी पकाने के लिए जो रसायन इस्तेमाल होता है, वो शरीर पर काफी बुरा असर डाल सकता है.भारत में गर्मियां आ चुकी हैं.और गर्मियों का आगमन यानी आम का सीजन.इस मौसम से घर घर में आम पन्ने से लेकर आम पापड़, आम का अचार, आम का मुरब्बा और यहां तक कि आम की सब्जी भी बनाई जाती है.उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में तो रिवाज है कि आम के मौसम में जब मेहमान घर आएं, तब आप एक बाल्टी में ठंडा पानी और आम भरकर उनके सामने रख दें.साथ में एक तश्तरी और चाकू भी.मई 2024 में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने कोयंबटूर में 575 किलो आम पकड़े थे जिन्हें गलत ढंग से कैल्शियम कार्बाइड रसायन के जरिए पकाया गया था.इन फलों की कीमत करीब 72,000 रुपये थी.असल में बढ़ती आबादी और आम की बढ़ती दीवानगी के चलते आम उगाने और बेचने वालों को आपूर्ति करने में दिक्कत हो रही है.इसलिए अब मार्केट में ज्यादातर आम ऐसे होते हैं जो कुदरती ढंग से नहीं बल्कि रसायन डाल-डालकर पका दिए जाते हैं.

इनमें से कुछ आम कैल्शियम कार्बाइड के जरिए पकाये जाते हैं, जो बहुत घातक रसायन है.क्या होता है कैल्शियम कार्बाइड?यदि आप एफएसएसएआई की वेबसाइट पर जाएंगे तो वहां उन्होंने खुद कैल्शियम कार्बाइड के बैन होने की जानकारी दी हुई है.वहां वो लिखते हैं, “कैल्शियम कार्बाइड एक रासायनिक कंपाउंड है, जिसका इस्तेमाल अक्सर फलों को पकाने के लिए किया जाता है, लेकिन भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने स्वास्थ्य जोखिमों के कारण इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है”कैसे करता है काम?कैल्शियम कार्बाइड आम को महज 2 दिनों में पका देता है.प्रतिबंध के बावजूद लोग इसका इस्तेमाल करते हैं.इस प्रक्रिया में, पहले आम की पेटियों को एक बंद जगह पर रखा जाता है.कैल्शियम कार्बाइड को कागज की पुड़ियों में डालकर उन पेटियों के भीतर रखा जाता है.कहीं कहीं आम को पेपर में लपेट कर उन्हीं पाउचों के ऊपर रख दिया जाता है.फिर 2 दिन बाद जब आप पेटियां खोलते हैं तब कैल्शियम कार्बाइड से पके आम मिलते हैं.दरअसल जब कैल्शियम कार्बाइड को आम के साथ बंद जगह पर रखते हैं तभी रसायन नमी रसायन से रिएक्ट करती है.

इससे एसिटिलीन गैस बनती है, जो इथाइलीन के समान कार्य करती है.इथाइलीन एक प्राकृतिक पादप हार्मोन है जो चीजों को पकाता है.रासायनिक ढंग से यह करने पर इस प्रक्रिया में गैस के साथ हानिकारक आर्सेनिक और फॉस्फोरस के कण भी निकल सकते हैं.इससे चक्कर आना, प्यास लगना, जलन और त्वचा के अल्सर सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.कैसे पता करें कि आपका आम रसायन से तो नहीं पकाया गयायह पता लगाने के कई तरीके हैं.पहला है सबसे आसान पानी का टेस्ट.इसमें एक बाल्टी में आम डालिये.अगर वो तैरता है तो समझ जाइए कि केमिकल से पकाया गया है.अगर डूब जाता है तो समझ जाइए वो कुदरती ढंग से पका आम है.आप उसका रंग देख सकते हैं.

कुदरती ढंग से पके आम पूरे पीले होते हैं, बिना किसी दाग धब्बे के.हालांकि रसायन द्वारा पकाए गए आम पर चकत्ते होते हैं, वो कहीं से बहुत हरे तो कहीं से बहुत पीले होते हैं और कई में इन सबके साथ साथ काले धब्बे भी होते हैं.आप छू कर भी पता लगा सकते हैं.कुदरती ढंग से पका आम ठोस होता है.जबकि रसायन द्वारा पकाया गया आम गुदगुदा, बहुत नरम और बेडौल.खाकर भी पता लगा सकते हैं.अगर आम खाने के बाद आपके गले या जीभ पर जलन होने लगे तो ऐसा मुमकिन है कि उस आम में हानिकारक रसायनमौजूद हों.ऐसे आम देखकर लें.और जब भी आम खाएं, हमेशा उसे धोकर ही खाएं.

SOURCE : LIVE HINDUSTAN