Source :- LIVE HINDUSTAN
सुबह अगर किसी को 8 बजे उठना होता है तो वह 7से8 बजे के बीच के कई सारे अलार्म लगाते हैं। कुछ लोग तो ऐसे होते हैं जो अलार्म की एक अवाज आते ही उठ जाते हैं। लेकिन वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं जो कई सारे अलार्म लगाकर रखते हैं लेकिन फिर भी सही समय पर नहीं उठ पाते हैं। वैसे तो ये सुबह जो लोग जल्दी नहीं उठ पाते हैं वह अलार्म से इस काम को पूरा कर सकते हैं, लेकिव क्या अलार्म सेहत के लिए अच्छा है? क्या इसकी वजह से व्यक्ति का मूड खराब हो सकता है? आइए, जानते हैं-
क्या अलार्म की आवाज से उठने पर मूड खराब होता है?
स्टडीज में दावा किया गया है कि अलार्म की अवाज स्ट्रेस के लेवल को बढ़ा सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब व्यक्ति गहरी नींद में होते हैं तो अलार्म की आवाज झटका देकर जगा देती है, जो पूरे दिन तक रह सकता है। इसके अलावा गहरी नींद के दौरान शरीर खुद को रिस्टोर करता है, जिससे जागना मुश्किल हो जाता है। अगर आप गहरी नींद के दौरान जागते हैं, तो आपकी सोचने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। वहीं इससे सुबह सुस्ती आती है।
अलार्म की अवाज में करें बदलाव?
अलार्म के लिए अलग-अलग अवाजों को चुना जाता है। लेकिन इन आवाजों का मूड और शरीर पर अलग असर होता है। अगर आप अलार्म पर किसी तेज म्यूजिक को लगाते हैं तो इस अवाज से अचानक स्ट्रेस बढ़ने की ज्यादा संभावना होती है, जबकि अगर आप सॉफ्ट और शांत अवाजों से जागते हैं, तो शरीर को तनाव से बचा सकते हैं। इसलिए सलाह दी जाती है कि आप अपने अलार्म की अवाज को हल्का और धीमा रखने की कोशिश करें, जिससे स्ट्रेस न हो। इसी के साथ इस बात का भी ध्यान रखें कि बहुत ज्यादा अलार्म भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में सिर्फ एक या दो अलार्म ही लगाएं।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। किसी चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी सवाल के लिए हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लें।
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