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रूस से युद्ध में लगातार पिछड़ रहे यूक्रेनी अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि वे जल्द ही इस तकनीक में रूस को कड़ी टक्कर देंगे और अपने फाइबर-ऑप्टिक ड्रोन को बेहतर बनाएंगे।

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का नया खतरा अब फाइबर-ऑप्टिक ड्रोन के रूप में सामने आए हैं। ये ड्रोन पुराने वायरलेस मॉडल से बिल्कुल अलग हैं, क्योंकि इन्हें नियंत्रित करने के लिए बेहद पतले फाइबर-ऑप्टिक केबल का इस्तेमाल होता है, जो रेडियो सिग्नल जैमिंग तकनीक को बेअसर कर देता है। रूस के ये जैम-प्रूफ ड्रोन युद्ध में पासा पलट रहे हैं और यूक्रेनी सेना इन्हें काउंटर करने में लगातार नाकाम हो रही है।

द वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, यूक्रेनी सैनिक उन ड्रोन से अब तक परिचित हो चुके थे जो उनके वाहनों का पीछा करते थे और दरवाजों-खिड़कियों से घुस आते थे, लेकिन अब वे ऐसे ड्रोन से भिड़े हैं जिन्हें वे रोक नहीं पा रहे। ये नए ड्रोन रेडियो सिग्नल पर निर्भर नहीं करते, बल्कि ऑपरेटर से ड्रोन तक सीधे नियंत्रित करती है।

क्या हैं रूस के ये जैम-प्रूफ ड्रोन

रूस ने पिछले कुछ महीनों में इन ड्रोन की संख्या में जबरदस्त वृद्धि की है। ये ड्रोन 12 मील तक की दूरी से लक्ष्यों पर हमला कर सकते हैं और लंबी बैटरी लाइफ तथा बेहतर निशानेबाजी की खासियत रखते हैं। खासकर रूस के पश्चिमी कुर्स्क क्षेत्र में इन ड्रोन ने यूक्रेनी सैनिकों के लिए रसद और सैनिक आवागमन को बेहद जोखिम भरा बना दिया है।

यूक्रेन भी बना रहा ऐसे ड्रोन लेकिन, तकनीक में पीछे

यूक्रेन भी इन फाइबर-ऑप्टिक ड्रोन का उत्पादन तो कर रहा है, लेकिन संख्या और तकनीक में रूस के मुकाबले अभी पीछे है। यूक्रेन के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन मंत्री मिखाइलो फेडोरोव के अनुसार, देश के करीब 15 ड्रोन निर्माता फाइबर-ऑप्टिक ड्रोन पर काम कर रहे हैं, जबकि 20 कंपनियां केबल बनाने में लगी हैं। सैनिकों ने बताया कि फाइबर-ऑप्टिक ड्रोन के कारण कई बार वे रसद और चिकित्सा आपूर्ति के लिए इस्तेमाल होने वाली मुख्य मार्गों से कट जाते हैं, जिससे कई सैनिक बिना मदद के फंसे रह जाते हैं। इन ड्रोन को रोकने का एकमात्र तरीका है उन्हें गोली मारकर गिराना, क्योंकि सिग्नल जाम करना संभव नहीं है।

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जानकार क्या कह रहे

विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक नई क्रांति है, जो युद्ध में ड्रोन की भूमिका को पूरी तरह बदल रही है। रूस के इस कदम से उसकी युद्धक क्षमता में बढ़ोतरी हुई है, जिससे यूक्रेन के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं।

यूक्रेनी अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि वे जल्द ही इस तकनीक में रूस को कड़ी टक्कर देंगे और अपने फाइबर-ऑप्टिक ड्रोन को बेहतर बनाएंगे। इस नई तकनीक के इस्तेमाल और मुकाबले के बीच युद्ध की दिशा आगे कैसे बदलेगी, यह आने वाले समय में देखने वाली बात होगी।

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