Source :- LIVE HINDUSTAN
Papaya Tea Benefits: आप अगर गठिया रोगी हैं और दर्द से बेहाल रहते हैं तो नॉर्मल दूध वाली चाय की जगह अपने रूटीन में पपीते की चाय को शामिल करें। पपीते में मौजूद पपैन और चायमोपपैन जैसे एंजाइम और एंटीऑक्सीडेंट्स गठिया की सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

ज्यादातर भारतीय अपने दिन की शुरूआत से लेकर शाम की थकान मिटाने तक के लिए एक कप गर्म चाय का सहारा लेते हैं। चाय के शौकीन लोगों के लिए तो आजकल चाय की कई तरह की वैरायटी बाजार में देखने को मिलती है। आपने भी ग्रीन टी, दूध वाली चाय जैसे कई तरह की चाय का स्वाद लिया होगा। लेकिन आप अगर गठिया रोगी हैं और दर्द से बेहाल रहते हैं तो नॉर्मल दूध वाली चाय की जगह अपने रूटीन में पपीते की चाय को शामिल करें। पपीते में मौजूद पपैन और चायमोपपैन जैसे एंजाइम और एंटीऑक्सीडेंट्स गठिया की सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
पपीता चाय पीने के फायदे
सूजन कम करे
पपीते में मौजूद पपेन और चायमो पपैन एंजाइम सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यह रूमेटॉइड और ऑस्टियोआर्थराइटिस के दर्द में भी राहत देती है। इसके नियमित सेवन से जोड़ों की सूजन और अकड़न में आराम मिल सकता है।
दर्द से राहत
पपीता चाय जोड़ों के दर्द को कम करने का प्रभावी उपाय माना जाता है। यह चाय खासतौर पर मौसम बदलने पर होने वाले गठिया दर्द में आराम देती है। यह चाय जोड़ों की गतिशीलता को बढ़ाने में भी मदद करती है।
यूरिक एसिड को रखे कंट्रोल
पपीते का सेवन यूरिक एसिड लेवल को कम करने में मदद करता है। बता दें, यूरिक एसिड गाउट और गठिया दर्द का कारण बनता है।लेकिन पपीते की चाय जोड़ों में यूरिक एसिड के जमाव को रोकती है।
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर
पपीता में मौजूद विटामिन सी, ई, और बीटा-कैरोटीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स मस्तिष्क और जोड़ों को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हैं। यह चाय गठिया लक्षणों को लंबे समय में कम करने में मदद करता है।
कब्ज में सुधार
पपीता चाय पाचन को बेहतर बनाकर शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलने में मदद करती है। इस चाय को पीने से गठिया दर्द के साथ कब्ज और सूजन जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है।
पपीता चाय बनाने का तरीका
पपीता चाय बनाने के लिए सबसे पहले 25 ग्राम छिलके सहित बीज निकाला हुआ कच्चा पपीता लेकर उसे छोटे टुकड़ों में काटें। इसके बाद 2 कप पानी में पपीते के टुकड़े डालकर उबाल लें। जब पानी में उबाल आने लगे तो उसमें ग्रीन टी बैग या पत्ती डालकर 5 मिनट तक छोड़ दें। अब पपीते की चाय को छानकर गर्म या ठंडा दिन में दो बार पिएं। हालांकि इस चाय का कोई साइड इफेक्ट नहीं है बावजूद इसके इसका सेवन डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही करें।
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