Source :- BBC INDIA
अमेरिका और क़तर ने एलान किया है कि इसराइल और हमास ग़ज़ा में युद्ध रोकने के लिए सहमत हो गए हैं.
अब न केवल लड़ाई रुकेगी बल्कि इसराइली बंधक और फ़लस्तीनी क़ैदी भी रिहा होंगे.
15 महीनों से चल रही जंग के बाद दोनों पक्षों की सहमति को एक बड़ी सफलता माना जा रहा है.
ये जंग तब शुरू हुई थी जब सात अक्टूबर 2023 को सशस्त्र फ़लस्तीनी समूह हमास ने इसराइल पर हमला किया था.
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इस समझौते के दोनों पक्षों के लिए क्या हैं मायने?
दोनों पक्षों के बीच समझौते के स्वीकृत विवरण को फ़िलहाल साझा नहीं किया गया है.
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि अभी भी कई अनसुलझे पहलू हैं, जिनपर वो गौर कर रहे हैं.
इस समझौते के तहत ग़ज़ा में युद्ध रुक जाएगा. इसके बाद बंधकों और कैदियों की अदला-बदली हो जाएगी.
अक्टूबर 2023 में जब हमास ने इसराइल पर हमला किया था, तब उसने 251 लोगों को बंधक बना लिया था. हमास के पास अब भी 94 लोग बंदी हैं. हालांकि इसराइल का मानना है कि उनमें से केवल 60 ही जीवित हैं.
संभावना है कि समझौते के तहत इसराइल बंधकों के बदले में लगभग 1,000 फ़लस्तीनी क़ैदियों को रिहा करेगा. इनमें से कुछ कई वर्षों से इसराइली जेलों में बंद हैं.
युद्धविराम कैसे काम कर सकता है?
समझौते की घोषणा होने के बाद ये युद्धविराम तीन चरणों में आगे बढ़ेगा. हालांकि दोनों पक्ष इस पर सहमत हो गए हैं, लेकिन अब भी इसराइल की सुरक्षा कैबिनेट को इसे मंजूरी देनी होगी.
क़तर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने कहा कि अगर यह समझौता कैबिनेट में मंज़ूर हो जाता है तो इसे रविवार से लागू कर दिया जाएगा.
आइए जानते हैं कि ये डील अब कैसे आगे बढेगी-
पहला चरण
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को समझौते की जानकारी देते हुए कहा कि पहला चरण छह सप्ताह तक चलेगा और इसमें ‘सम्पूर्ण युद्धविराम’ होगा.
बाइडन ने कहा कि डील के तहत हमास बंधकों को छोड़ेगा और इसराइल फ़लस्तीनी क़ैदियों को.
लेकिन बाइडन ने ये नहीं बताया कि हमास कुल कितने बंधकों को छोड़ने जा रहा है. लेकिन क़तर के पीएम अल थानी ने बुधवार शाम को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि ये संख्या 33 होगी.
इसराइली सरकार के प्रवक्ता डेविड मेन्सर ने इससे पहले कहा था कि जिन 33 बंधकों को छोड़े जाने की संभावना है, उनमें बच्चे भी शामिल हैं.
एक फ़लस्तीनी अधिकारी ने बीबीसी को बताया था कि तीन बंधकों को तुरंत रिहा कर दिया जाएगा और बाक़ी फ़लस्तीनी क़ैदियों के साथ अदला-बदली आने वाले छह हफ़्तों के दौरान होगी.
बाइ़डन ने कहा कि इस चरण के दौरान, इसराइली सैनिक ग़ज़ा के सभी आबादी वाले इलाक़ों से बाहर निकल जाएंगे. साथ ही फ़लस्तीनी भी ग़ज़ा के सभी इलाक़ों में अपने घरों को लौट सकेंगे.
इसराइली हमलों के कारण ग़ज़ा के लगभग 23 लाख लोग बेघर हो चुके हैं. युद्धविराम के बाद ये लोग अपने घरों को लौट सकेंगे.
इसके अलावा ग़ज़ा में मानवीय सहायता भी बढ़ेगी और हर दिन सैकड़ों ट्रकों को वहां पहुंचने की अनुमति दी जाएगी.
एक फ़लस्तीनी अधिकारी ने बीबीसी को बताया था कि दूसरे और तीसरे चरण के लिए वार्ताएं युद्धविराम के 16वें दिन शुरू होंगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि युद्धविराम तब तक जारी रहेगा जब तक दूसरे और तीसरे चरण की वार्ताएं जारी रहेंगी.
दूसरा चरण
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के अनुसार, दूसरे चरण का मकसद ‘युद्ध का स्थायी अंत’ होगा.
इस चरण में जीवित बचे हुए बाक़ी बंधकों और उनके बदले फ़लस्तीनी क़ैदियों को रिहा किया जाएगा.
ऐसा माना जा रहा है कि इसराइल ने कुल 1,000 फ़लस्तीनी क़ैदियों को रिहा करने पर सहमति जताई है. इनमें से लगभग 190, 15 वर्ष या उससे अधिक सालों की सज़ा काट रहे हैं.
एक इसराइली अधिकारी ने बीबीसी को बताया था कि हत्या के दोषी लोगों को नहीं छोड़ा जाएगा.
इसके अलावा ग़ज़ा से इसराइली सैनिकों की पूरी वापसी भी हो जाएगी.
तीसरा चरण
तीसरे और अंतिम चरण में ग़ज़ा का पुनर्निर्माण शामिल होगा. इसमें कई साल लग सकते हैं. इसी चरण में हमास के कब्ज़े में मारे गए बंधकों के शवों को भी इसराइल को सौंपा जाएगा.
डील में नहीं है इन सवालों के जवाब
जो कुछ अब हासिल हुआ है उसे करने में कई महीनों से चली मुश्किल वार्ताएं की गई हैं. इसकी प्रमुख वजह थी कि इसराइल और हमास को एक दूसरे पर रत्ती भर भरोसा नहीं है.
हमास बंधकों को रिहा करने से पहले जंग का पूरी तरह से ख़ात्मा चाहता था. लेकिन इसराइल को ये मंज़ूर नहीं था.
जब तक कि युद्धविराम की शर्तें पर दोनों पक्ष बातचीत कर रहे होंगे तब तक युद्ध पूरी तरह से बंद रहेगा.
क्या युद्ध हमेशा के लिए थम जाएगा?
ये बिल्कुल स्पष्ट नहीं है.
इसराइल के युद्ध के मुख्य उद्देश्यों में से एक हमास की सैन्य और राज करने क्षमताओं को नष्ट करना रहा है. इसराइल ने हमास को बहुत नुकसान पहुँचाया है, फिर भी हमास के पास दोबारा अपने पैरों पर खड़ा होने की क्षमता है.
यह भी स्पष्ट नहीं है कि कौन से बंधक जीवित हैं और कौन से मृत. ये भी साफ़ नहीं है कि क्या हमास को उन सभी बंधकों के बारे में पता है जो लापता हैं या जिन्हें इसराइल खोज रहा है.
हमास ने अपनी ओर से कुछ क़ैदियों की रिहाई की मांग की है, लेकिन इसराइल का कहना है कि वह उन्हें रिहा नहीं करेगा.
माना जाता है कि इनमें वे चरमपंथी भी शामिल हैं जो 7 अक्टूबर के हमलों में शरीक थे.
बफ़र ज़ोन का क्या होगा?
यह भी साफ़ नहीं है कि क्या इसराइल एक निश्चित तारीख़ तक बफ़र ज़ोन से बाहर निकलने पर सहमत होगा, या बफ़र ज़ोन में उसकी उपस्थिति अनिश्चित काल तक जारी रहेगी.
अतीत में इसराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम छिटपुट झड़पों के बाद टूटते रहे हैं.
इस युद्धविराम का टाइम टेबल और इसकी जटिलता का अर्थ है कि एक छोटी सी घटना भी दोबारा जंग शुरू कर सकती है.
डील कैसे होगी लागू?
अमेरिका और क़तर ने डील की घोषणा कर दी है लेकिन इसे इसराइल के कैबिनेट की मंज़ूरी मिलना बाक़ी है. हालांकि इसराइल में दक्षिणपंथियों की सत्ता के बावजूद ये माना जा रहा है कि इसमें दिक्कत नहीं होगी.
कैबिनेट की अहम बैठक गुरुवार सुबह होने की संभावना है.
डील के दूसरे चरण में जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर क़तर के पीएम अल-थानी ने कहा कि उन्हें इसपर पूरा भरोसा है लेकिन सबकुछ दोनों पक्षों पर ही निर्भर करेगा.
ये पूछे जाने पर की डील को सफल बनाने के लिए क्या किया जाएगा, उन्होंने कहा, “अमेरिका, मिस्र और क़तर समझौते के कार्यान्वयन पर निगरानी रखेंगे.”
ग़ज़ा पर कौन करेगा राज?
सबसे बड़ा अनुत्तरित सवाल तो यही है कि युद्धविराम के बाद ग़ज़ा पर कौन राज करेगा.
बुधवार को समझौते के एलान से पहले फ़लस्तीन के प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफ़ा ने कहा था कि क़ायदे से ग़ज़ा पर शासन करने का अधिकार फ़लस्तीनी प्राधिकरण का है.
इसराइल नहीं चाहता कि हमास ग़ज़ा पर राज करे.
लेकिन इसराइल ये भी नहीं चाहता कि फ़लस्तीनी प्राधिकरण ग़ज़ा पर शासन करे. ये प्राधिकरण इसराइली कब्ज़े वाले वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों पर शासन करता है.
और इसराइल ये भी चाहता है कि संघर्ष ख़त्म होने के बाद भी ग़ज़ा पर उसका सैन्य नियत्रंण हो.
इसराइल अमेरिका और क़तर के साथ मिलकर ग़ज़ा को चलाने के लिए एक अस्थाई प्रशासन की योजना पर चर्चा कर रहा है. ये नया ढांचा ग़ज़ा में स्थाई सरकार का रूप ले सकता है.
7 अक्टूबर 2023 को क्या हुआ और ग़ज़ा में क्या हुआ है?
हमास के सैकड़ों बंदूकधारियों ने दक्षिणी इसराइल पर एक अभूतपूर्व हमला किया था. चरमपंथी बाड़ तोड़कर इसराइली सीमा में घुसे थे. उन्होंने पुलिस स्टेशनों, सैन्य ठिकानों और कई सरहदी बस्तियों को निशाना बनाया था.
इन हमलों में लगभग 1,200 लोग मारे गए और 250 से अधिक बंधकों को हमास के लड़ाके अपने साथ वापस ग़ज़ा ले गए थे. हमास ने इसराइल पर हज़ारों रॉकेट भी दागे थे.
इसके जवाब में इसराइल ने पहले हवाई और फिर ज़मीनी आक्रमण के ज़रिए बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाया.
तब से इसराइल ज़मीन, समुद्र और हवा से ग़ज़ा पर हमले करता रहा है. हमास ने भी इस दौरान इसराइल पर रॉकेट से हमले किये हैं
इसराइल के हमलों ने ग़ज़ा को तबाह कर दिया है. वहां खाने-पीने के सामान की भारी किल्लत है.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी ठीक से ज़रूरतमंदों तक सहायता नहीं पहुँच पा रहा है.
ग़ज़ा में हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इसराइल के हमलों में अब तक 46,700 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं. मंत्रालय का दावा है कि इनमें ज़्यादातर आम नागरिक हैं.
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SOURCE : BBC NEWS