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जब से इजरायल ने गाजावासियों का दाना-पानी रोका है, वहां की स्थिति लगातार भयावह बनी हुई है। अकाल जैसी स्थिति पैदा हो गई है। हमास ने इजरायल को कोसते हुए कहा कि ऐसे में बातचीत का कोई मतलब नहीं है।

गाजा में लगातार बिगड़ते हालात और संभावित अकाल के बीच हमास ने मंगलवार को इजरायल के साथ किसी भी तरह की सीजफायर वार्ता को “बेवजह” करार दिया है। हमास ने इजरायल पर “भूख की जंग” छेड़ने का आरोप लगाया है और कहा है कि जब तक गाजा में तबाही और भुखमरी का दौर जारी है, किसी बातचीत का कोई मतलब नहीं है।
हमास के वरिष्ठ नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बासेम नईम ने AFP को बताया, “जब तक गाजा में भूख, प्यास और कत्लेआम जारी है, तब तक किसी नई युद्धविराम पहल पर चर्चा करना व्यर्थ है।”
गाजा पर पूरी तरह कब्जे की योजना
इज़रायली सुरक्षा कैबिनेट ने रविवार को गाजा पर ‘पूर्ण सैन्य नियंत्रण’ की योजना को मंजूरी दे दी है। इसमें अधिकांश आबादी को एक बार फिर विस्थापित करने की बात भी कही गई है। इजराइल की सेना ने कहा है कि उनके अभियान का अगला चरण “गाजा पट्टी पर नियंत्रण और उसके कब्जे” से जुड़ा होगा।
चरम पर मानवीय संकट
लगभग 2.3 करोड़ की पूरी गाजा आबादी या तो विस्थापित हो चुकी है या फिर कई बार घर बदल चुकी है। दो महीने की इजरायली नाकेबंदी ने गाजा में मानवीय संकट को और भी गहरा दिया है। संयुक्त राष्ट्र सहित कई एजेंसियां यहां भुखमरी और अकाल की चेतावनी दे चुकी हैं।
उधर, सीजफायर को लेकर मध्यस्थता कर रहे कतर ने कहा है कि उनकी कोशिशें अब भी जारी हैं, हालांकि जमीन पर हालात बातचीत के अनुकूल नहीं दिखते। एक वरिष्ठ इज़राइली सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 13 मई से शुरू हो रही सऊदी अरब यात्रा से पहले एक बंधक सौदे की संभावना बन सकती है। यही वह “विंडो ऑफ अपॉर्च्युनिटी” है, जिसे इजरायल सैन्य कार्रवाई से पहले देख रहा है।
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