Source :- LIVE HINDUSTAN
ऐतिहासिक शहर तक्षशिला को पाकिस्तान सरकार हेरिटेज सिटी बनाना चाहती है, लेकिन विशेषज्ञों ने सरकार से इस मेगा प्लान पर अमल करने से पहले खराब सड़कों समेत कई बुनियादी समस्याओं को दूर करने का आग्रह किया है।

चाणक्य और प्राचीन भारत के महान राजा चंद्रगुप्त मोर्य से जुड़े ऐतिहासिक तक्षशिला को लेकर पाकिस्तान की सरकार ने बड़ा प्लान तैयार किया है। पंजाब प्रांत की मरियम नवाज सरकार ने तक्षशिला को एक वैश्विक धरोहर शहर बनाने की योजना की घोषणा की है, ताकि इसे ऐतिहासिक स्थल बनाया जाए। पाक सरकार की कोशिश है कि इसे न केवल देश के भीतर, बल्कि दुनिया भर में एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में पहचान दिलाई जाए। लेकिन इस मेगा प्लान में एक बड़ी अड़चन है। विशेषज्ञों ने सरकार से पहले शहर की बुनियादी समस्याओं को दूर करने की बात कही है। उनका कहना है कि तक्षशिला को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने से पहले कई समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए।
तक्षशिला का ऐतिहासिक महत्व
तक्षशिला प्राचीन समय में विभिन्न महान सभ्यताओं का केंद्र था। यहां बौद्ध, पारसी धर्म और गंधार कला का समागम हुआ था। जिसका इतिहास महान राजनीतिज्ञ चाणक्य और चंद्रगुप्त मौर्य से भी जुड़ा हुआ है। महान सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने लगभग 321 ईसा पूर्व से 297 ईसा पूर्व तक शासन किया। चाणक्य तक्षशिला विश्वविद्यालय में शिक्षक थे और चंद्रगुप्त मौर्य ने तक्षशिला से शिक्षा ग्रहण की। तक्षशिला वर्तमान में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रावलपिंडी जिले में स्थित है।
तक्षशिला को लेकर पाकिस्तानी सरकार के मेगा प्लान को लेकर विशेषज्ञों ने पहले शहर में बुनियादी समस्याओं जैसे सड़कें, पर्यटकों के लिए सुविधाओं की कमी और ठहरने के उचित इंतजाम पर ध्यान देने का आग्रह किया है।
सिटी ऑफ सिविलिइजेशन बनाने का प्रस्ताव
पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री और शहबाज शरीफ की भतीजी मरियम नवाज ने तक्षशिला को “सिटी ऑफ सिविलाइजेशन” बनाने का प्रस्ताव पेश किया है। इसके अंतर्गत यहां के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण किया जाएगा और तक्षशिला के आसपास के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में काम किया जाएगा। तक्षशिला धरोहर प्राधिकरण के गठन के साथ इस परियोजना का कार्यान्वयन शीघ्र शुरू करने की योजना है।
तक्षशिला में बुनियादी सुविधाओं का अभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि तक्षशिला को “हेरिटेज सिटी” का दर्जा देने से पहले कुछ महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए। विशेष रूप से, शहर के बुनियादी ढांचे और पर्यटकों के लिए सुविधाओं की भारी कमी है। गंधारा आर्ट विलेज बोर्ड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सैयद जाहिर हुसैन शाह ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि तक्षशिला की सड़क व्यवस्था, विशेष रूप से जीटी रोड से संग्रहालय तक के लिंक रोड की स्थिति को सुधारना आवश्यक है। इसके अलावा, पर्यटकों के लिए उचित भोजन, आवास और अन्य सुविधाओं की कमी भी एक बड़ी समस्या है।
दक्षिण कोरिया की प्रसिद्ध पुरातत्वशास्त्री प्रोफेसर पार्क सुन ने कहा कि तक्षशिला में पर्यटकों के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं, जिससे यहां आने वाले लोग निराश हो जाते हैं। उनका मानना है कि बिना बुनियादी सुविधाओं के तक्षशिला को हेरिटेज सिटी घोषित करना व्यर्थ होगा। शहरीकरण और अतिक्रमण की समस्या भी तक्षशिला के ऐतिहासिक स्थलों को खतरे में डाल रही है। तक्षशिला बटाहिक के संस्थापक अध्यक्ष ताहिर सुलेमान ने बताया कि शहर में अतिक्रमण की गतिविधियां शहर के महत्वपूर्ण स्थलों को नुकसान पहुंचा रही हैं।
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