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हजारीबाग. हजारीबाग के बीएसएफ केंद्र में सोमवार के दिन रोजगार मेले का आयोजन किया गया. इस आयोजन में केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी शामिल हुई. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 71000 लोगों को वर्चुअल माध्यम से नियुक्ति पत्र दिये. हजारीबाग में 333 युवाओं को नियुक्ति का प्रमाण पत्र दिया गया.

इसमें बीएसएफ के 200, आइटीबीपी के 07, एसएसबी 30,असम राइफल के 15, रेलवे 7, पोस्ट ऑफिस 5,डीएफएस 6 सफल अभ्यर्थी शामिल हुए.

जुड़वा बहनों को मिला नियुक्तिपत्र
रोजगार मेले के कार्यक्रम दो जुड़वा बहनों की कहानी ने सबका मन मोह लिया. हजारीबाग की यह दोनों बेटियां अब बीएसएफ में सेवा देंगी. नियुक्ति पत्र मिलने के बाद दोनों बेटी का उत्साह चरम पर है. वो कह रही हैं कि अब उनकी पहचान अपने नाम से होगी. उनकी एक बहन पहले से ही बीएसएफ में सेवा दे रही हैं. दोनों बहनों का नाम प्रीत सिंह राजपूत और पम्मी कुमारी है. यह दोनों बहन हजारीबाग के विष्णुगढ़ की रहने वाली है.

मां की 4 बेटी होने पर ताना मारते थे लोग
लोकल 18 झारखंड से बात करते प्रीत सिंह राजपूत बताती है कि उनकी चार बहन और एक भाई है. चार बहन होने के बाद समाज से परिवार का हमेशा तिरस्कार किया गया. दादी और नानी भी बेटी होने पर रोती थी. घर में गरीबी ऐसी थी. फिर भी किसी तरह मैट्रिक पास किया. गांव में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर घर की जरूरत पूरी की. बचपन से ही डिफेंस में जाने का सोच रखी थी. इसके लिए छुप इसकी तैयारी करती थी. सुबह 4 बजे ही दौड़ने के लिए तीनों बहन सुबह जाते थे. हर कोई गांव वाले दोनों बेटियों पर फक्र कर रहे हैं. जुड़वा बहन पम्मी का भी चयन बीएसएफ में हुआ है. एक बहन पहले से बीएसएफ में है.

पति ने हर कदम की मदद
वहीं पम्मी कुमारी कहती है कि उनका शादी हुए 3 साल पहले हो गए हैं. अभी डेढ़ साल का एक बच्चा है. बच्चा होने के बावजूद वह हार नहीं मानी. जी-तोड़ मेहनत किया. उनके मेहनत में उनके पति का महत्वपूर्ण योगदान रहा. पति ने सुबह के 4:00 बजे गांव से दूर जंगल में ले जाकर फिजिकल ट्रेनिंग कराना शुरू किया ताकि गांव के लोग जाने नहीं. इसके बावजूद कुछ गांव के लोगों को इसकी भनक मिल गई तो ग्रामीणों ने इसका विरोध कर दिया. फिर भी उसने हर नहीं मानी और मेहनत जारी रखा. दिनभर घर का काम काज, देर रात तक पढ़ाई .सुबह में फिजिकल की तैयारी यही जीवन बन गया.

इसी का परिणाम है कि रोजगार मेला के दौरान पम्मी को भी नियुक्ति पत्र मिला है. इस कार्यक्रम में गांव के भाई ही उसे लेकर नियुक्ति पत्र लेने पहुंचे. पति बच्चों को घर में देख रहे हैं.

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