Source :- LIVE HINDUSTAN
तेज-तर्रार और बिना सिर-पैर वाली बयानबाजी से सुर्खियां बटोरने वाले डोनाल्ड ट्रंप आगामी 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभाल लेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर यह ट्रंप का आखिरी कार्यकाल है, इसलिए उनके कदमों पर दुनियाभर की नजरें रहेंगी। वो शपथ ग्रहण से पहले ही ट्रंप ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने पर आतुर दिखे। भारत और चीन को टैरिफ की धमकियां दे चुके हैं। इस बीच चीन में ट्रंप की भगवान बुद्ध जैसी प्रतिमा धड़ल्ले से बिक रही है। बनाने वाले ने इसे बनाने के पीछे की मजेदार वजह भी बताई है।
आमतौर पर राजनेताओं का व्यक्तित्व शांत और उबाऊ होता है। इससे उलट डोनाल्ड ट्रंप बहुत बड़ी ऑनलाइन हस्ती हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद से वो लगातार चर्चा में बने हुए हैं। चीन के ग्रामीण इलाके में एक शिल्पकार ने ट्रंप की भगवान बुद्ध जैसी प्रतिमा बनाई है। हालांकि यह पहली बार नहीं है, 2021 में भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ताओबाओ पर ट्रंप की ऐसी ही प्रतिमा खूब वायरल हुई थी। इस बार ट्रंप का यह रूप बनाने वाले शिल्पकार का नाम है- हांग जिनशी।
धड़ल्ले से बिक रही ट्रंप की यह प्रतिमा
ट्रंप की यह प्रतिमा भगवान बुद्ध की याद दिलाती है। ट्रंप बुद्ध जैसी मुद्रा पर आंखें बंद करके शांत बैठे हुए हैं। हांग ट्रंप के आकार के आधार पर प्रतिमा का मूल्य तय किया है। यह 999 से 20,000 युआन (लगभग 140 डॉलर से 2,700 डॉलर) के बीच बिक रही है। हांग ने कहा कि इन मूर्तियों को मजाक के तौर पर डिजाइन किया गया है। उन्होंने कहा, “चुनाव जीतने के बाद से लोगों के मन में ट्रंप के प्रति रुचि बढ़ गई है।
प्रतिमा बनाने की क्या वजह
उन्होंने एएफपी से कहा, “राजनेता आमतौर पर बहुत उबाऊ होते हैं, जबकि ट्रंप एक बहुत बड़ी ऑनलाइन हस्ती हैं, जो अक्सर काल्पनिक बातें कहते हैं।” 47 वर्षीय हांग का कहना है कि मजाक के तौर पर बनाई गई इस प्रतिमा पर लोगों का काफी ध्यान आकर्षित हो रहा है और इसे देखकर ग्राहकों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि ट्रंप का व्यक्तित्व इस प्रतिमा के बिल्कुल विपरीत है।
हांग ने चीन के प्रति ट्रंप की नीतियों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन यह जरूर कहा कि कई लोगों को उम्मीद है कि 20 जनवरी को ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद अमेरिका के साथ चीन के संबंध और भी खराब हो जाएंगे। गौरतलब है कि चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने बीजिंग के प्रति कड़ा रुख अपनाया था तथा चीनी आयातों पर और अधिक टैरिफ लगाने की कसम खाई थी।
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