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सूरजपुर : छत्तीसगढ़ में एक बार फिर पत्रकार और उनके परिवार पर हुए हमले का मामला सामने आया है। सूरजपुर जिले के जगन्नाथपुर गाँव में संपत्ति विवाद के चलते पत्रकार संतोष कुमार टोपो के माता-पिता और भाई की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस दर्दनाक घटना ने राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह घटना शुक्रवार, 10 जनवरी 2025 को खड़गवाँ थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुई। पत्रकार संतोष टोपो के माता-पिता, माघे टोपो (57) और बसंती टोपो (55), तथा उनके भाई नरेश टोपो (30) खेत में काम कर रहे थे। इसी दौरान संपत्ति विवाद के चलते परिवार के दूसरे पक्ष के छह से सात लोग वहाँ पहुँचे और दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि आरोपियों ने माघे टोपो और उनके परिवार पर कुल्हाड़ी और लाठियों से जानलेवा हमला कर दिया। हमले में बसंती टोपो और नरेश टोपो ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि माघे टोपो को गंभीर हालत में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहाँ इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस हमले में संतोष के दूसरे भाई उमेश टोपो ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई और ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी।
पुलिस की शुरुआती जाँच में सामने आया है कि यह हिंसा पुश्तैनी जमीन को लेकर चली आ रही रंजिश का नतीजा थी। जिस जमीन पर पीड़ित परिवार खेती कर रहा था, वह पहले हमलावरों के कब्जे में थी। कोर्ट में कानूनी लड़ाई जीतने के बाद पीड़ित परिवार ने उस जमीन पर खेती शुरू की थी, लेकिन यह विवाद अंततः खूनखराबे में बदल गया। घटना की खबर फैलते ही सूरजपुर पुलिस अधीक्षक समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुँचे। तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपित घटना के बाद से फरार हैं, और उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
इस घटना ने छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। हाल ही में राज्य में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या का मामला भी सामने आया था। मुकेश ने कांग्रेस नेता और ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के घोटाले का खुलासा किया था, जिसके बाद नाराज़ नेता ने उनकी निर्मम हत्या कर दी। अब, संतोष कुमार टोपो के परिवार पर हुए इस हिंसक हमले ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में न सिर्फ पत्रकारों, बल्कि उनके परिवारों की सुरक्षा भी खतरे में है। घटना के बाद जगन्नाथपुर गाँव में दहशत और गम का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि संपत्ति विवाद लंबे समय से दोनों पक्षों के बीच चल रहा था, लेकिन इस तरह की हिंसा की आशंका किसी ने नहीं की थी।
राज्य के पत्रकार संगठनों और नागरिक समाज ने सरकार से मामले में कड़ी कार्रवाई की माँग की है। साथ ही पत्रकारों और उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है।
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