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बैंगलोर: कांग्रेस पार्टी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीआर अंबेडकर पर दिए बयान को लेकर उनके इस्तीफे की मांग की है और इसके लिए 21 जनवरी को कर्नाटक के बेलगाम में ‘जय बापू, जय भीम और जय संविधान’ रैली आयोजित करने का ऐलान किया है। यह जानकारी एआईसीसी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने दी।  

पहले यह रैली 27 दिसंबर को होनी थी, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। अब इसे बड़े स्तर पर आयोजित करने की तैयारी की जा रही है। वेणुगोपाल ने बताया कि “रैली के लिए कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों और पीसीसी अध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है। हम अमित शाह के अंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर माफी और स्पष्टीकरण की मांग कर रहे हैं।” अमित शाह ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में कथित तौर पर कहा था, “अगर विपक्ष अंबेडकर का नाम जितनी बार लेता है, उतनी बार भगवान का नाम लेता, तो उन्हें सात जन्मों के लिए स्वर्ग मिल जाता।” इस बयान के बाद से विवाद गहराता जा रहा है।  

शाह की इस टिप्पणी के खिलाफ विपक्ष ने संसद के भीतर और बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। राहुल गांधी के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने संसद परिसर में विरोध किया और शाह के इस्तीफे की मांग की। वहीं, भाजपा सांसदों ने भी कांग्रेस पर अंबेडकर का “अपमान” करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान संसद परिसर में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच भारी हंगामा हुआ। इस हाथापाई में भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए। दोनों दलों ने एक-दूसरे पर अपने सदस्यों को धक्का देने के आरोप लगाए हैं।  

इस विवाद के बीच दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की है। कांग्रेस ने इसे सरकार की तानाशाही का उदाहरण बताया है। अब देश पर सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली पार्टी कांग्रेस ने घोषणा की है कि 21 जनवरी को बेलगाम से शुरू होने वाली यह रैली 27 जनवरी को मध्य प्रदेश में समाप्त होगी। इस रैली के जरिए पार्टी जनता के बीच भाजपा सरकार की नीतियों और अमित शाह के बयान का विरोध करेगी।

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