Source :- LIVE HINDUSTAN
उत्तर में बारामुल्ला से लेकर दक्षिण में भुज तक अंतर्राष्ट्रीय सीमा और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर 26 स्थानों पर ड्रोन देखे गए। इनमें नागरिक और सैन्य ठिकानों के लिए संभावित खतरा पैदा करने वाले संदिग्ध सशस्त्र ड्रोन शामिल हैं।

अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को जल्द कम की अपील की है। वाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो दोनों देशों के नेताओं के साथ लगातार संपर्क में हैं। वह इस संघर्ष को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। भारत-पाकिस्तान संघर्ष में मध्यस्थता के अमेरिकी प्रयासों पर लेविट से शुक्रवार को सवाल पूछा गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘यह कुछ ऐसा है जिसमें विदेश मंत्री और अब हमारे NSA मार्को रुबियो भी शामिल हैं। राष्ट्रपति ने व्यक्त किया है कि वह चाहते हैं कि यह तनाव जल्द से जल्द कम हो जाए। वह समझते हैं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ओवल ऑफिस में आने से बहुत पहले से ये दोनों देश दशकों से एक-दूसरे के साथ मतभेद में रहे हैं। हालांकि, उनके दोनों देशों के नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं। विदेश मंत्री मार्को रुबियो दोनों देशों के नेताओं के साथ लगातार संपर्क में हैं, इस संघर्ष को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।’
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। इसमें 26 नागरिक मारे गए। इस हमले में आतंकियों ने महिलाओं के सामने उनके पतियों की हत्या की, जिससे उनकी मांग का सिंदूर उजड़ गया। इसके बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इसके तहत 6-7 मई को भारतीय वायुसेना, थलसेना और नौसेना ने मिलकर 25 मिनट में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के शिविर शामिल थे। SCALP मिसाइलों, AASM हैमर बमों और घातक ड्रोनों का उपयोग किया गया, जिससे 70-100 आतंकी मारे गए। हमले मुजफ्फराबाद, कोटली, बहावलपुर आदि स्थानों पर किए गए। भारत ने सुनिश्चित किया कि कोई सैन्य या नागरिक ठिकाना निशाना न बने।
आतंकवाद के खिलाफ एस. जयशंकर की दो टूक
यूएस की ओर से ताजा बयान ऐसे समय आया जब भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक साझा खतरा है। जयशंकर ने उन लोगों का आभार जताया, जिन्होंने देश के साथ एकजुटता व्यक्त की है और मौजूदा समय में जारी दृढ़ प्रतिक्रिया को समझते हैं। विदेश मंत्री ने द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर तत्कालीन सोवियत संघ की जीत के 80 साल पूरे होने के मौके पर रूसी दूतावास में आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की। जयशंकर ने कहा, ‘मुझे 1945 में फासीवाद के खिलाफ युद्ध में जीत की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आप सभी के साथ शामिल होकर बहुत खुशी हो रही है। हम ऐसे समय में मिल रहे हैं, जब भारत आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक साझा खतरा है। मैं उन लोगों का आभार जताता हूं, जिन्होंने हमारे साथ एकजुटता व्यक्त की है और जो मौजूदा समय में जारी दृढ़ प्रतिक्रिया को समझते हैं।’
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