Source :- NEWS18
Last Updated:May 22, 2025, 16:55 IST
बॉलीवुड का वो हैंडसम हंक स्टार जिसने करियर की शुरुआत रोमांटिक रोल निभाकर की थी. लेकिन एक्टिंग की दुनिया में कोई मुकाम नहीं हासिल कर पाए. बतौर प्रोड्यूसर्स भी उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की लेकिन वहां भी करियर…और पढ़ें
बतौर एक्टर नहीं चला करियर
हाइलाइट्स
- जैकी भगनानी ने शाहरुख की फिल्म ‘जवान’ की तारीफ की.
- फिल्म ‘जवान’ ने लोगों में जोश और उत्साह भरा.
- जैकी ने छोटे शहरों के दर्शकों पर ध्यान देने की बात कही.
नई दिल्ली. एक्टर और प्रोड्यूसर जैकी भगनानी ने शाहरुख खान की फिल्म ‘जवान’ की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह फिल्म दिखाती है कि सिनेमा फिर से लोगों में जोश और उत्साह भर रहा है.
जैकी भगनानी का कहना कि अगर कोई फिल्म ज्यादा कमाई करना चाहती है, तो उसे छोटे शहरों के लोगों को ध्यान में रखकर बनाई जानी चाहिए. उन्होंने शाहरुख की फिल्म ‘जवान’ की सफलता को एक अच्छा संकेत बताते हुए कहा कि अब लोग फिर से फिल्मों में दिलचस्पी लेने लगे हैं और सिनेमा एक बार फिर से सबका पसंदीदा मनोरंजन बन रहा है.
फिल्में ऐसी बनानी चाहिए जो पूरे भारत के लोगों से जुड़ सकें
हाल ही में जैकी भगनानी ने कहा, ‘छोटे शहरों के सिंगल-स्क्रीन थिएटर फिल्मों की कमाई में हमेशा से बहुत अहम भूमिका निभाते रहे हैं. लेकिन अब महंगे टिकट और सिर्फ मल्टीप्लेक्स पर ध्यान देने से, सिनेमा आम लोगों की पहुंच से दूर होता जा रहा है, साथ ही, हम ऐसी फिल्में बनाना भी कम कर चुके हैं जो हर तरह के दर्शकों को पसंद आएं, हमें ऐसी कमर्शियल फिल्में बनानी चाहिए जो पूरे भारत के लोगों से जुड़ सकें.’
जवान फिल्म की जमकर की तारीफ
अपनी बात आगे रखते हुए कहा, मैं फिल्म ‘जवान’ की सफलता को एक अच्छा संकेत मानता हूं कि सिनेमा फिर से लोगों का पसंदीदा मनोरंजन बन रहा है। फिल्म ने फिर से लोगों में अलग जोश और उत्साह भरा.’जब हर तरह के लोग एक ही फिल्म को पसंद करते हैं, तो समझो हम आगे बढ़ रहे हैं. इससे पता चलता है कि पैन-इंडिया दर्शक हमसे कुछ कहना चाह रहे हैं और हमें उनकी बात को समझना चाहिए. जैकी ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान छोटे शहरों के कई सिंगल-स्क्रीन थिएटर बंद हो गए क्योंकि उनका खर्च चलाना मुश्किल हो गया.
आगे उन्होंने कहा, ‘भारत में आज भी 16,000 से ज्यादा ऐसे इलाके हैं जहां थिएटर मौजूद ही नहीं हैं. हम इन इलाकों के दर्शकों पर ध्यान क्यों नहीं दे रहे? हमें चाहिए कि हम ऐसी फिल्में बनाएं जो सस्ती हों, आसानी से देखी जा सकें और लोगों का मनोरंजन भी कर सकें, क्योंकि फिल्मों की अगली बड़ी सफलता उन्हीं दर्शकों से आएगी जो छोटे शहरों और गांवों में रहते हैं। हमें उनके लिए ऐसी कहानियां बनानी होंगी जो उनकी जिंदगी से जुड़ी हों और उन्हें अपने जैसी लगें.’
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