Source :- LIVE HINDUSTAN

आयकर कानून के मुताबिक, 50 हजार प्रति माह से अधिक मकान किराया देने वाले लोगों को टीडीएस काटकर फॉर्म-26क्यूसी के जरिए सरकार के पास जमा कराना होता है। यह टीडीएस सालाना देय किराए की राशि से काटा जाता है।

किराए पर आयकर कटौती (TDS) के नए नियमों और आईटी पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ियों के चलते मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच असमंजस की स्थिति बन गई है। इसके चलते उन्हें वित्त वर्ष-2025 के लिए आयकर रिटर्न भरने और रिफंड पाने में भारी दिक्कत हो रही है। उनसे अतिरिक्त जरूरी दस्तावेज भी मांगे जा रहे हैं।

नियम बदला, जानकारी नहीं मिली

आयकर कानून के मुताबिक, 50 हजार प्रति माह से अधिक मकान किराया देने वाले लोगों को टीडीएस काटकर फॉर्म-26क्यूसी के जरिए सरकार के पास जमा कराना होता है। यह टीडीएस सालाना देय किराए की राशि से काटा जाता है। इसके बदले में मकान मालिक को फॉर्म-16सी (टीडीएस सर्टिफिकेट) मिलता है।

यहां आई समस्या

पहले किराए पर टीडीएस की दर पांच प्रतिशत थी, जिसे 1 अक्टूबर 2024 को घटाकर 2 फीसदी कर दिया गया। लेकिन अधिकांश किराएदारों को इसकी जानकारी नहीं मिली। नतीजतन बड़ी संख्या में किरायेदारों ने पुरानी दर के अनुसार ही टैक्स काटकर फॉर्म-26क्यूसी के माध्यम से जमा कर दिया।

मकान मालिकों की भी दिक्कतें बढ़ीं

ट्रेस सिस्टम की तकनीकी खामी के कारण मकान मालमिकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा है। जब वे फॉर्म-26एएस और एआईएस का मिलान कर रहे हैं तो उन्हें 2 फीसदी की टीडीएस कटौती (क्रेडिट) ही दिख रही है, जबकि कटा पांच फीसदी की दर से है। इसके चलते उन्हें आयकर रिटर्न दाखिल करने में दिक्कत हो रही है। मकान मालिकों के लिए टीडीएस क्रेडिट यह पक्का करता है कि उन्होंने पहले ही सरकार को टैक्स चुका दिया है।

रिफंड की प्रक्रिया

इस समस्या को देखते हुए आयकर विभाग किराएदारों को ईमेल भेज रहा है। इनमें उन्हें फॉर्म 26बी के जरिए ऑनलाइन रिफंड का दावा करने के लिए कहा गया है। कुछ मामलों में अतिरिक्त दस्तावेज भी मांगे जा रहे हैं।

ऐसे भरें आवेदन

ट्रेस की वेबसाइट पर लॉगिन करें। ‘स्टेटमेंट्स/फॉर्म्स’ टैब के तहत ‘रिफंड के लिए अनुरोध’ पर क्लिक करें।

फिर मैंने ‘मैंने गलती से अतिरिक्त कर का भुगतान कर दिया’ विकल्प को चुनें। संबंधित चालान 26क्यूसी जोड़ें और जानकारी भरें।

फॉर्म 26बी में दावा की जा सकने वाली रिफंड राशि अपने आप भर जाएगी। बैंक खाते की जानकारी जोड़ें, जिसमें रिफंड चाहते हैं।

फॉर्म को डिजिटल हस्ताक्षर या आधार-आधारित ओटीपी के जरिए ई-सत्यापन करें और ऑनलाइन जमा करें।

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