Source :- NEWS18
Last Updated:June 08, 2025, 16:58 IST
Why Gurez valley is unique: कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है. यहां की खूबसूरती की तुलना स्विट्जरलैंड से होती है. कश्मीर में ऐसी कई जगह हैं जो सैलानियों से अछूती हैं. इनमें से एक है गुरेज वैली. यह एक परफेक्ट ऑफबीट डेस्टिनेशन है. यह जगह जितनी खूबसूरत है, उतनी ही रहस्यमय और शांत भी है. यह डेस्टिनेशन इन 7 वजहों से बेहद खास है.
गुरेज वैली कश्मीर के बांदीपोरा जिले में है. यह घाटी चारों तरफ से हिमालय से घिरी हुई है. यहां के पहाड़ों पर जमी बर्फ और चारों तरफ दूर तक फैली हरियाली इस जगह को खास बनाती है. जिन लोगों को नेचर के करीब रहना पसंद है, उनके लिए यह जगह स्पेशल है. यहां किशनगंगा नदी बहती है जो पाकिस्तान में पहुंचकर नीलम नदी कहलाती है. (Image-Canva)

गुरेज घाटी तक पहुंचने के लिए बांदीपोरा से कैब चलती है जो 3 घंटे लगाती हैं. इस वैली तक पहुंचने का रास्ता अपने आप में बेहद अनोखा है. यहां की खूबसूरती आपको दीवाना बना देगी. रास्ते में राजदान पास आता है जो 3 हजार मीटर से भी ज्यादा ऊंचाई पर है. इस जगह से गुरेज वैली को बर्ड आई व्यू से देखा जा सकता है. यहां कभी भी धुंध और कभी भी आसमान साफ हो जाता है.(Image-Canva)

गुरेज से थोड़ी दूर पर तुलैल वैली है जो पहाड़ और घने जंगलों से घिरी हुई है. यहां आपको कश्मीर का कल्चर करीब से देखने को मिलेगा. लोग यहां नून चाय यानी नमकीन चाय भी खूब पीते हुए मिल जाएंगे. यहां की ठंडी हवाएं आपको पल भर ताजगी से भर देंगी. यहां आपको लकड़ी के घर और लोकल लोग खेती करते हुए दिख जाएंगे. (Image-Canva)

गुरेज में आप जहां भी जाएंगे आपको हर जगह किशनगंगा नदी बहती हुई नजर आ जाएगी. इसके किनारे लोग अक्सर मछली पकड़ते हुए दिख जाते हैं. यहीं नहीं अगर आप यहां घूमने का प्लान बना रहे हैं तो नदी के किनारे टेंट लगाकर भी रिलैक्स कर सकते हैं. यहां कैंपिंग के लिए आपको लोकल पुलिस से इजाजत लेनी होगी. (Image-Canva)

गुरेज की हब्बा खातून पीक इस जगह को सबसे खास बनाती है. दरअसल इसका नाम कश्मीरी कवयित्री जून बेगम के नाम पर रखा गया जिन्हें हब्बा खातून कहा जाता था. इस पीक का नाम हब्बा पर इसलिए रखा गया क्योंकि इससे उनकी प्रेम कहानी जुड़ी है. इसकी झलक उनकी कविताओं में भी झलकती है. (Image-Canva)

कश्मीर की यह वैली LOC यानी लाइन ऑफ कंट्रोल के बेहद करीब है. इस वजह से यहां हाई सिक्योरिटी रहती है. आपको गुरेज पहुंचने से पहले कई चेकपोस्ट पार करने होते हैं. यहां हर व्यक्ति का नाम, फोन नंबर, ठहरने का एड्रेस और आधार कार्ड की डिटेल ली जाती है और इनर लाइन परमिट जारी होता है. इसकी पर्ची को संभालकर रखना चाहिए क्योंकि वापसी में इसे दिखाना होता है. (Image-Canva)

गुरेज मशहूर पर्यटन स्थल नहीं है इसलिए यहां केवल सरकारी गेस्ट हाउस हैं. थोड़े बहुत होम स्टे भी मिल जाएंगे. यहां टूरिस्ट नहीं आते इसलिए आपको कश्मीर की लोकल लाइफ देखने के साथ-साथ शांति महसूस होगी. यहां ट्रैफिक भी नहीं है. यहां शिना जनजाति के लोग रहते हैं जो शिकारी हैं. इनकी संस्कृति देख आप बहुत प्रभावित होंगे. (Image-Canva)
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