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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किए गए टैरिफ वॉर का असर दिखने लगा है। चीनी एयरलाइन द्वारा इस्तेमाल करने के लिए बनाए गए बोइंग जेट को एयरलाइन ने वापस उसके सिएटल स्थित अमेरिकी बेस पर भेज दिया है। अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग द्वारा बनाए गए इस विमान को चीन की जियामेन एयरलाइंस द्वारा इस्तेमाल किया जाना था। यह विमान पिछले महीने ही शंघाई के करीब स्थित एयरलाइन बेस पर पहुंचा था।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन से उड़ान भरकर अमेरिका पहुंचे इस विमान के ऊपर जियामेन का कलर लगा हुआ था। अपनी इस यात्रा के दौरान यह विमान गुआम और हवाई में ईंधन भरवाने के लिए भी रुका था। इससे पहले अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी को इस सप्ताह की शुरुआत में चीन द्वारा विमान आयात पर प्रतिबंध लगाने की खबर मिली थी। चीन द्वारा लगाया गया यह आयात प्रतिबंध राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जवाबी टैरिफ की कार्रवाई का हिस्सा है, हालांकि कंपनी के सूत्रों के मुताबिक अभी भी नियमों को लेकर स्थिति साफ नहीं है।

बोइंग का 737 मैक्स मॉडल अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी द्वारा सबसे ज्यादा बेचे जाने वाले मॉडल्स में से एक है। चीन से इसकी वापसी इस क्षेत्र में अमेरिकी निर्यात में आई गिरावट और नए विमानों की डिलवरी में आने वाली नई दिक्कतों का संकेत देती है।

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इस मामले के जानकार लोगों के मुताबिक दोनों देशों के बीच टैरिफ में बदलाव से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है। अगर इसे जल्दी ही नहीं सुलझाया गया तो कई विमानों की डिलीवरी अधर में लटक सकती है। बोइंग के जेट और एयक्राफ्ट की कीमत कई मिलियन डॉलर्स में होती है ऐसे में उन पर इतना ज्यादा टैरिफ देना किसी भी कंपनी के लिए फायदेमंद नहीं होगा। ऐसे में कई एयरलाइंस के सीईओ ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि इतना ज्यादा टैरिफ देने से बेहतर है कि हम विमानों की डिलीवरी को ही टाल दें।

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